लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के बोल-मैं भी करती हूं प्यार, लव स्टोरी पिता से करती हूं शेयर
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित लिटरेचर फेस्टिवल में ट्रांसजेंडर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी बेबाक अंदाज में कई विषयों पर अपनी बात रखी। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि लोग अपने एक-एक दिन के ट्रांसजेंडर बच्चों को किन्नरों के डेरे में छोड़ देते हैं।
लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि अगर माता-पिता अपने ट्रांसजेंडर बच्चे को किन्नरों के पास छोड़ने की बजाय उन्हें खुद ही पालें तो किन्नर बनेंगे ही नहीं। अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए और श्रोताओं के सवालों के जवाब देते लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि वे भी अपने माता-पिता से बहुत क्लोज हैं। खासकर अपने पिता से।
लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने स्वीकार किया कि उनके भी कइयों से प्रेम प्रसंग है। प्रेमी हैं। अपने प्रेम प्रसंग के बारे में वे अपनी पिता को सब कुछ बताती भी हैं। ट्रांसजेंडर होने की बात किसी से भी नहीं छुपाती क्योंकि जब प्रभु से नहीं छुपाया तो बंदों से क्या छुपाना। यह बात अलग है कि मुझे लिपिस्टिक तो सबसे पहले चाहिए।
उन्होंने हमारे किन्नर समाज में धर्म-जाति की दीवारें नहीं होतीं। हमारे यहां हिन्दू समाज में किन्नरों को पहले अपनाया नहीं गया, इसलिए इसमें इस्लाम का बहुत प्रभाव रहा। जब सिंहस्थ में किन्नरों के अखाड़े को मान्यता मिली और में महामंडलेश्वर बनी तब से बहुत परिवर्तन आया है। हालांकि अभी भी मेरे गुरु हाजी अबरार हैं। हमारे अखाड़े में कुछ एेसे किन्नर हैं मुस्लिम मां के गर्भ से पैदा हुए मुस्लिम हैं। वाट्सऐप से किन्नरों का नेटवर्क इंटरनेशनल बन गया है। जब भारत में किसी किन्नर गुरु की मौत हुई तो पाकिस्तान के किन्नर समाज ने शोक मनाया।