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सावन में महाकाल भक्ति के लिए उज्जैन तैयार, पार्किंग से दर्शन तक ऐसी रहेगी व्यवस्था

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उज्जैन,14 जुलाई: सावन माह शुरू होते ही प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में भक्तों का तांता लगना शुरू हो चुका है, जहां अब श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन पाने के लिए धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचने लगे हैं, तो वहीं व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन ने खास तैयारियां की हुई है, जहां श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े इसे लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर नजर आ रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने महाकाल मंदिर में की जा रही श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने वीआईपी रूट एवं दर्शनार्थियों के लिये लगे बेरिकेट की व्यवस्था का निरीक्षण किया।

ujjain

मंदिर प्रबंधन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं

श्रावण-भादौ मास में भगवान श्री महाकाल के भक्तों, कावड़ यात्रियों, भक्ति भजनों, भजन मंडलियों से पूरा शहर भक्तिमय हो जाता है। इसी कड़ी में श्रद्धालुओं के सुलभ दर्शन, स्वच्छता, सुरक्षा आदि के मद्देनजर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा की जा रही तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व जिला कलेक्टर आशीष सिंह के दिशा-निर्देश में मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ द्वारा बताया है कि, श्रद्धालुओं के द्वारा भगवान महाकाल के सुगम दर्शन की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं हेतु समुचित पार्किंग व्यवस्था की गई है।

ऐसी रहेगी पार्किंग की व्यवस्था

उज्जैन आने वाले मुख्य मार्गों में जहां इन्दौर से आने वाहन, दिल्ली, ग्वालियर, मक्सी से आने वाले वाहन कर्कराज मंदिर पार्किंग व भील धर्मशाला में अपने वाहन पार्क करेंगे। महिदपुर, आगर, कोटा से आने वाले वाहन ब्रिज से होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय की पार्किंग पर तथा बड़नगर, धार, रतलाम के यात्रीगण कार्तिक मेला ग्राउण्ड पर या कर्क राज मंदिर पर बने पार्किंग स्थानों पर सुविधा से वाहन पार्क कर सकेंगे। सभी पार्किंग स्थल से निःशुल्क ई-रिक्शा वाहन सुविधा सभी के लिए उपलब्ध होगी जहां से वे गंगोत्री गार्डन, मुख्य प्रवेश द्वार, चारधाम मंदिर के पास तक पंहुच सकेंगे। चारधाम मंदिर से हरसिद्धि मंदिर मार्ग पर स्थित चारधाम पार्किंग पर जूता स्टैंड व अन्य कॉउंटर रहेंगे। जूता स्टैंड के अलावा शीघ्र दर्शन, खोया - पाया, आकस्मिक चिकित्सा व प्रसाद कॉउंटर रहेंगे। दर्शनार्थी भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद वापसी में दर्शनार्थीगण बिना असुविधा जूते-चप्पल शीघ्र प्राप्त कर सकेंगे।

सामान्य दर्शनार्थियों की व्यवस्था

सामान्य दर्शनार्थियों के लिए चारधाम से हरसिद्धि मंदिर के चौड़े मार्ग पर बने मुख्य प्रवेश मार्ग से शंखद्वार तक, शंखद्वार से प्रवेश कर, चिकित्सा कक्ष के समीप से ज़िग-जेग होकर कार्तिकेय मंडप पंहुचकर दर्शन लाभ ले सकेंगे।

शीघ्रदर्शन व्यवस्था

शीघ्र दर्शन करने वाले दर्शनार्थी चारधाम के समीप हरसिध्दि मार्ग पर अलग बने मार्ग से बड़ा गणेश के सामने से शंख द्वार, शंखद्वार से पृथक मार्ग से टनल वन होते हुए सीधे कार्तिक मंडप पहुंचकर भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।

पुजारीगण, पुरोहितगण एवं पत्रकारों की व्यवस्था

मंदिर के पुजारीगण, पुरोहितगण व पत्रकार वर्तमान गेट नं.4 एवं गेट नं.5 से प्रवेश कर विश्राम धाम सभा मंडप, काला गेट होते हुए इसी रास्ते से दर्शन कर वापस आ सकेंगे।

कावड़-यात्री

विभिन्न कावड़ यात्री चारधाम के निकट सामान्य दर्शनार्थी के साथ प्रवेश कर कार्तिक मंडप स्थित जल पात्र में जल अर्पण कर गणेश मंडप से भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे।

पुजारी, पुरोहित के यजमान, जल अर्पण रसीदधारी की व्यवस्था

प्रशासनिक भवन के सामने के विशिष्ट अतिथि मार्ग व गेट नं.4 से प्रवेश कर सभा मंडप के जलपात्र से जलार्पण कर कालागेट से नंदी हॉल होकर भगवान महाकाल के दर्शन कर इसी मार्ग से लौटेंगे।

नियमित दर्शनार्थियों की व्यवस्था

नियमित दर्शनार्थी गण सुबह 6 से 8 और शाम को 6 से 8, पूर्व निर्धारित समय अनुसार बड़े गणेश के पास की गली से गेट नं.4 से आयेंगे और इसी रास्ते से वापस जा सकेंगे।

चलित भस्म आरती व्यवस्था

चारधाम मुख्य प्रवेश मार्ग से प्रवेश करते हुए शंख द्वार से दर्शनार्थी आयेंगे, जहाँ से एक पंक्ति मे चलते हुए फैसिलिटी सेंटर से टनल वन होते हुए कार्तिकेय मंडप पहुँचेंगे। वहाँ से बिना रुके दर्शन कर सीधे निर्गम द्वार से बाहर जा सकेंगे।

सामान्य भस्म आरती अनुमति कॉउंटर

सामान्य भस्म आरती अनुमति काउंटर प्रातःकाल 7 बजे से प्रारम्भ होता है, जो हरसिद्धि मंदिर के पास स्थित अतिथि निवास से कार्यरत होगा, जहां स्वयं उपस्थित होकर, ID प्रस्तुत कर, फोटो खिंचवा कर, पूर्णतः निःशुल्क अनुमति बनाई जा सकेगी।

महाकाल मंदिर के गर्भगृह एवं नंदी हॉल में सम्पूर्ण श्रावण-भादौ माह में दर्शनार्थियों के लिये प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। नंदी हाल में एक बेरिकेट लगाकर अतिविशिष्ट व जलाभिषेक रसीद धारियों को दर्शन कराए जाएँगे।

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English summary
Guidelines have been given for arrangements in Sawan
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