Mahakal lok के बाद अब संवरेगा ओंकारेश्वर, जल्द होगा विकासकार्यों का शुभारंभ
धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल लोक के नव निर्माण के बाद शासन और प्रशासन का ध्यान ओमकारेश्वर मंदिर परिसर को संवारने में लग गया है। यही कारण है कि, लगातार ओमकारेश्वर मंदिर परिसर में विकास कार्यों के साथ ही अलग-अलग तरह के काम किए जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर ओमकारेश्वर मंदिर परिसर के विकास के लिए 3 करोड़ के कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत यहां अलग-अलग तरह के विकास कार्य किए जाएंगे। वहीं अब जल्द ही यह कार्य प्रारंभ हो जाएंगे, जिनका परिणाम आने वाले समय में देखने मिलेगा।
संभागायुक्त ने की कार्यों की समीक्षा
इंदौर संभाग के खंडवा जिले में स्थित प्रसिद्ध ओंकारेश्वर मंदिर के विकास के लिये साढ़े 3 करोड़ रूपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। इस राशि से मंदिर तथा आस-पास के क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिये अनेक सुविधाएं जुटाई जायेंगी। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने एक वर्चुअल बैठक लेकर प्रस्तावित कार्यों की तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर आईजी राकेश गुप्ता, खंडवा कलेक्टर अनूप सिंह और एसपी विवेक सिंह उपस्थित थे।
बैठक में दिए गए ये निर्देश
बैठक में संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा कि, एक या दो दिन में ही कलेक्टर और एसपी मंदिर का भ्रमण करें और प्रस्तावित कार्यों का निर्माण शीघ्र शुरू करवायें। इस अवसर पर बताया गया कि, मंदिर के विकास के लिये बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार श्रद्धालुओं के लिये अनेक सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। मंदिर परिसर को भव्यता दी जायेगी। सौंदर्यीकरण होगा, भव्य द्वार बनेगा, श्रद्धालुओं के आवाजाही की सुगम व्यवस्था रहेगी। टायलेट ब्लाक भी बनाये जायेंगे। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने निर्देश दिये कि, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये कि जिससे की श्रद्धालुओं के आने-जाने की व्यवस्था अलग-अलग हो। इसके लिये मंदिर परिसर में बने 5 मंजिला भवन का बेहतर उपयोग भी सुनिश्चित किया जाये। घाटों के सौंदर्यीकरण और रेलिंग लगाने के निर्देश भी बैठक में दिये गये।
विभिन्न योजनाओं पर खर्च किए जाएंगे 2200 करोड़
मालवा के उज्जैन में श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद अब राज्य शासन का ध्यान निमाड़ के ओंकारेश्वर तीर्थ पर केंद्रीय हो गया है। केंद्र,राज्य सीएसआर फंड और साधु-संतों के सहयोग से लगभग 2200 करोड़ रुपए यहां विभिन्न योजनाओं पर खर्च किए जाएंगे। शासन की योजना है उज्जैन, इंदौर, ओंकारेश्वर और महेश्वर सर्किट पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र बने।
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