देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में मिला कोरोनावायरस का नया वैरिएंट AY-4, 7 मरीजों में 2 सैन्य अधिकारी
इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक इंदौर में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट AY-4 मिला है। यहां 7 मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में यह वैरिएंट सामने आया है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने इस बारे में जांच की थी, जिसकी लैब दिल्ली में है। हालांकि, कोरोना का नया वैरिएंट AY-4 कितना ज्यादा खतरनाक है, इस बारे में अभी पक्के तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली। फिलहाल, इस वैरिएंट को लेकर दुनिया भर में रिसर्च चल रही है। कुछ एक्सपर्ट ने इस वैरिएंट की संक्रामक क्षमता को पुराने वैरिएंट से तेज बताते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है।
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बताते चलें कि, मध्य प्रदेश में जांच-पड़ताल के दौरान इंदौर में ही 7 लोग कोरोना पीड़ित पाए गए। इन लोगों के सैंपल 21 सितंबर को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे। जिसकी जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने हाल ही में दी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस सैत्य ने कहा कि, जो लोग नए वैरिएंट से पीडि़त मिले हैं, उनमें दो महू छावनी में तैनात सेना के अधिकारी हैं। जिनके सितंबर में सैंपल लिए गए थे।
एनसीडीसी
ने
इन
सातों
की
पहली
रिपोर्ट
1
अक्टूबर
को
और
बाकी
16
अक्टूबर
को
जारी
की।
नए
वैरिएंट
के
बारे
में
बताते
हुए,
एमजीएम
मेडिकल
कॉलेज
में
माइक्रोबायोलॉजी
विभाग
की
एचओडी,
डॉ
अनीता
मुथा
ने
कहा,
"एवाई.4
डेल्टा
संस्करण
का
एक
उप-वंश
है।
यह
न
तो
डेल्टा
है
और
न
ही
डेल्टा-प्लस।"
उन्होंने
कहा
कि,
यह
अभी
एक
'रुचि
का
रूप'
है,
लेकिन
इसकी
संचरण
क्षमता
के
बारे
में
बहुत
कम
जानकारी
है।
जैसे
कि,
क्या
यह
गंभीर
संक्रमण
का
कारण
बन
सकता
है
और
क्या
यह
काबू
पाने
वाला
संक्रमण
हो
सकता
है।"
डॉ
अनीता
मुथा
ने
कहा
कि,
भारत
में
इस
नए
वैरिएंट
के
कुछ
मामलों
की
रिपोर्ट
पहली
बार
महाराष्ट्र
से
सामने
आई।
दिल्ली में कोरोना के 37 नए मामले, एक भी मौत नहीं
AY.4 वैरिएंट महाराष्ट्र में तब मिला, जब वहां अप्रैल में जांचे गए 1% सैंपल्स में इसकी पुष्टि हुई। उसके बाद जुलाई में इसका अनुपात बढ़कर 2% हो गया और अगस्त में बढ़कर 44% हो गया। बहरहाल, एनसीडीसी की रिपोर्ट कहती है कि जिले में डेल्टा प्लस के 5 नए मामले सामने आए हैं। कोविड-19 के डेल्टा वैरिएंट ने दूसरी लहर में भारत में कहर बरपाया और पूरे यूरोप और अमेरिका में चर्चा का विषय बन गया।