बिहार विधानसभा में युवा विधायकों की संख्या घटी, महिला MLA भी पिछली बार से कम
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में सभी अनुमानों और एग्जिट पोल को गलत साबित करते हुए नीतीश कुमार की अगुवाई वाले NDA ने विपक्षी महागठबंधन को नजदीकी अंतर से हराकर एक बार फिर राज्य की कमान अपने हाथ में रखी है। एनडीए ने 125 सीट मिली हैं वहीं महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। विधानसभा चुनाव के पूरे परिणामों पर नजर डालें तो बिहार की 17वीं विधानसभा में युवा विधायकों की संख्या में पिछली विधानसभा के मुकाबले कमी आई हैं। वहीं महिला विधायकों की संख्या भी इस बार कम हुई है।
बिहार विधानसभा के नवनिर्वाचित विधायकों के ऊपर पीआरएस लेजिसलेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) की रिपोर्ट में सामने आया है कि बिहार में युवा मतदाताओं का प्रतिशत इस बार पिछली बार की अपेक्षा कम हुआ है। 2020 की 17वीं विधानसभा में 25 से 40 वर्ष की उम्र के 14% विधायक चुने गए हैं जबकि 2015 के चुनाव में यह आंकड़ा 16 प्रतिशत था। यानि इस बार युवा विधायकों की संख्या में 2 प्रतिशत की कमी आई है।
वहीं 41 से 55 वर्ष के विधायकों की संख्या में कमी आई है। 2015 में 41 से 55 साल के विधायक कुल विधायकों का 53 प्रतिशत थे जबकि 2020 में इस वर्ग उम्र के विधायकों का प्रतिशत घटकर 48 हो गया है।
उम्रदराज
विधायक
बढ़े
एक
तरफ
जहां
युवा
और
मध्यम
उम्र
के
विधायकों
की
संख्या
में
कमी
आई
है
तो
उम्रदराज
श्रेणी
के
विधायक
बढ़े
हैं।
55
से
70
वर्ष
के
विधायकों
की
संख्या
में
6
प्रतिशत
की
वृद्धि
हुई
है।
2015
में
55
से
70
वर्ष
के
विधायक
कुल
विधायकों
का
27
प्रतिशत
थे
जबकि
इस
बार
ये
बढ़कर
33
प्रतिशत
हो
गए
हैं।
वहीं
70
वर्ष
से
अधिक
उम्र
के
विधायकों
की
संख्या
भी
बढ़ी
है।
पिछली
बार
4
प्रतिशत
विधायक
70
से
अधिक
उम्र
के
थे
जबकि
इस
बार
ये
बढ़कर
5
प्रतिशत
हो
गए
हैं।
महिलाओं
की
संख्या
घटी
राजनीति
में
महिलाओं
के
प्रतिनिधित्व
की
बात
तो
सभी
दल
करते
हैं
लेकिन
टिकट
देने
में
सभी
पीछे
रहते
हैं।
17वीं
विधानसभा
में
विधायकों
पर
नजर
डालें
तो
सिर्फ
11%
विधायक
ही
महिला
हैं।
अगर
प्रतिशत
में
देखें
तो
महिला
विधायकों
की
संख्या
बराबर
है
लेकिन
इस
बार
इनकी
संख्या
में
कमी
आई
है।
2020
के
चुनाव
में
28
महिला
विधायक
जीतकर
विधानसभा
पहुंची
हैं।
2015
में
26
महिला
विधायक
चुनी
गई
थीं।
वहीं
पुरुष
विधायकों
की
संख्या
पिछली
बार
के
215
से
दो
बढ़कर
217
हो
गई
है।
शैक्षणिक
योग्यता
विधायकों
की
शैक्षणिक
योग्यता
की
बात
करें
तो
62
प्रतिशत
विधायकों
ग्रेजुएट
या
उससे
अधिक
की
डिग्री
वाले
हैं
जो
कि
2015
के
बराबर
ही
है।
38%
विधायक
हाईस्कूल
या
इंटर
तक
की
शैक्षणिक
योग्यता
वाले
हैं।
ये रहे परिणाम
बिहार विधानसभा के नतीजों में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पार्टी को 75 सीटें और 23.1 प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं एक सीट पीछे 74 सीट पाकर बीजेपी दूसरे नंबर पर है। बीजेपी को 19.5 प्रतिशत वोट मिले हैं जो कि पिछली बार से कम हुआ है। वहीं नीतीश कुमार की जेडीयू को काफी नुकसान हुआ है। 43 सीटों के साथ जेडीयू तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। पार्टी को 15.4 प्रतिशत वोट मिले हैं। कांग्रेस को भी पिछली बार के नुकसान हुआ है। पार्टी पिछली बार के 27 की जगह इस बार 19 सीट पर पहुंच गई है। वाम दलों में भाकपा-माले ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 12 सीटें जीती हैं। उधर असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM के भी 5 प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं।
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