विश्व हेपेटाइटिस दिवस: इस बार खास है थीम, जानें क्या है इसका इतिहास
नई दिल्ली, 28 जुलाई। विश्व हेपेटाइटिस दिवस (WHD) हर साल 28 जुलाई को हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। आमतौर पर यकृत में सूजन की वजह से हेपेटाइटिस होता है। अगर वक्त पर इसका इलाज ना हो तो ये हेपेटोसेलुलर कैंसर का कारण भी बन सकता है। इसी वजह से इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित कर हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है।
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डॉक्टरों के मुताबिक हेपेटाइटिस संक्रामक रोगों का एक समूह है, जिसे इसके विभिन्न रूपों, जैसे ए, बी, सी, डी, और ई में विभाजित किया गया है। हेपेटाइटिस आमतौर पर एक वायरल संक्रमण के कारण होता है, लेकिन कई जोखिम कारक भी हैं, जैसे शराब, स्वास्थ्य खराब करने वाले खानों का अत्यधिक सेवन, कुछ दवाएं और चिकित्सीय स्थितियां। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हेपेटाइटिस को भारत के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता बताया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2020 में लगभग 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित थे। इसके अलावा हेपेटाइटिस सी से 60 लाख से 1.2 करोड़ लोग संक्रमित थे। इसी वजह से इस साल इसकी थीम 'हेपेटाइटिस कैन्ट वेट' रखी गई है।
हेपेटाइटिस की यह दवा करेगी कोरोना मरीजों का इलाज, कंपनी ने DCGI से मांगी मंजूरी
ये
है
इतिहास
दरअसल
नोबेल
पुरस्कार
विजेता
वैज्ञानिक
डॉ.
बारूक
ब्लमबर्ग
का
जन्म
28
जुलाई
को
हुआ
था।
उन्होंने
सबसे
पहले
हेपेटाइटिस
बी
वायरस
(एचबीवी)
की
खोज
की।
इसके
बाद
उन्होंने
इस
वायरस
का
उपचार
और
टीका
भी
विकसित
किया।
जिस
वजह
से
उनकी
जयंती
पर
विश्व
हेपेटाइटिस
दिवस
मनाया
जाता
है।