गुरुग्राम: महिला की इलाज के दौरान मौत, बेटे को थमाया 17 लाख का बिल
गुरुग्राम। दिल्ली एनसीआर के अस्पतालों द्वारा अनाप-शनाप बिल बनाने का एक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। गुरुग्राम के कोलंबिया एशिया अस्पताल ने एक मरीज को गॉल ब्लेडर की पथरी की सर्जरी का 17 लाख रुपए बिल थमा दिया। इस खर्च होने के बाद भी मरीज की एक सप्ताह बाद मौत हो गई। पीड़ित परिवार ने पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। अलवर की निवासी मृतक सावित्री देवी को 8 जनवरी को कोलंबिया एशिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके पित्ताशय में पथरी थी। अगले दिन उनका ऑपरेशन किया गया था।
सर्जरी के 18 दिन बाद महिला की मौत
अस्पताल पर आरोप है कि सर्जरी के 18 दिन बाद उनकी मौत हो गई और मौत के बाद अस्पताल ने मृत महिला के बेटे को 17 लाख रुपये का बिल थमा दिया। बेटे ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में कंप्लेंट दर्ज कराई है। हालांकि अस्पताल ने इस आरोप का खंडन किया है और साफ कहा है कि ऐसी कोई सर्जरी नहीं की गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अस्पताल के डॉक्टर चैतन्य पठानिया ने बताया कि सावित्री देवी का ब्लैडर किसी अन्य अस्पताल में अगस्त 2017 में ही निकाल दिया गया था और वो पित्त वाहिका में मौजूद स्टोन को निकलवाने के लिए कोलंबिया एशिया अस्पताल में भर्ती हुई थीं।
मौत के बाद थमाया 17 लाख का बिल
मृतक सावित्री देवी के बेटे राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाया है कि 9 जनवरी को सर्जरी के बाद उनकी मां के पेट में काफी दर्द हुआ था और बाद में ये पता चला था कि सर्जरी में लापरवाही की वजह से उनकी आंत खराब हो गई थी। बेटे ने ये भी कहा कि इसके बाद उनकी मां की तीन सर्जरी और की गई। इसके बाद उन्हें बेंटिलेटर पर रखा गया। इस दौरान 26 जनवरी को हार्ट अटैक होने से उनकी मौत हो गई। सिंह ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने उनसे सर्जरी के लिए 17 लाख रूपये का बिल दिया है। अस्पताल का कहना है कि इलाज के दौरान रिस्क फैक्टर के बारे में परिवार को पहले ही बता दिया गया था और जो भी इलाज किया गया है वो परिवार की मर्जी लेकर ही किया गया है।
अस्पताल के खिलाफ दर्ज करवाई शिकायत
पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर ली है। स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘इसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के पास भेजा गया है। यह स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है इसलिए इसकी प्राथमिकी (एफआईआर) स्वास्थ्य विभाग की सिफारिश मिलने के बाद दर्ज की जाएगी।' वहीं ज्यादा बिल के मामले पर अस्पताल का कहना है कि रोगी का इलाज पूर्व सैन्यकर्मी स्वास्थ्य योजना के तहत किया गया। उसके मुताबिक रोगी के परिवार को करीब 4.59 लाख रुपये ही अस्पताल को देने होंगे और बाकी पैसा सरकार देगी।