क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

50 प्रतिशत एटीएम क्यों हैं बंद होने की कगार पर?

हाल में गृह मंत्रालय ने एटीएम तक कैश लाने वाली वैन में अतिरिक्त सुरक्षा के कई नियम लगा दिए हैं, साथ ही सॉफ्टवेयर में अपग्रेडेशन का भी प्रावधान आरबीआई ला रही है जिससे इस बिज़नेस में आनेवाला ख़र्च और बढ़ जाएगा.

CATMi का कहना है कि इन सबको लागू करने में एटीएम उद्योग को कम से कम 3500 करोड़ रूपयों की दरकार है जो उसके लिए बहुत अधिक है, ख़ासतौर पर तब जब नोटबंदी की वजह से एटीएम मशीनों में पहले बदलाव करना पड़ा था.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
एसबीआई
REUTERS
एसबीआई

एटीएम उद्योग का प्रतिनिधित्व करनेवाले संघ CATMi का कहना है कि 2019 मार्च तक मुल्क की 50 फ़ीसद से ज़्यादा ऑटोमेटेड टेलर मशीनें काम करना बंद कर सकती हैं.

मौजूद आंकड़ों के मुताबिक़ इस वक़्त मुल्क में 2,38,000 एटीएम काम कर रहे हैं.

इसका मतलब ये हो सकता है कि फिर से बैंकों और एटीएम के सामने उसी तरह की लंबी क़तारें देखने को मिल सकती हैं जैसे नोटबंदी के बाद हुई थी.

सरकार के नए नियमों के मुताबिक़ आर्थिक रूप से कमज़ोर तबक़ों की सब्सिडी का पैसा सीधे बैंक खातों में जाता है जिसकी वजह से ऐसे लोगों की निर्भरता एटीएम सेवाओं पर बढ़ी है और इन मशीनों के बंद होने का सबसे अधिक असर उन्हीं पर होगा.

क़स्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स बहुत अधिक इस्तेमाल में नहीं लाए जाते.

एटीएम
Reuters
एटीएम

संस्था के डायरेक्टर के श्रीनिवास ने बीबीसी से कहा कि सरकार और आरबीआई के नए नियमों के बाद पहले से ही नुक़सान में चल रहा एटीएम उद्योग और अधिक दबाव में आ जाएगा जिसके नतीजे क़स्बाई और ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ने वाले क़रीब 1.13 लाख एटीएम पर बंद होने का ख़तरा मंडरा रहा है.

हम जिस ऑटोमेटेड टेलर मशीनों में डेबिट/क्रेडिट कार्ड्स डालकर मिनटों में हज़ारों के कैश निकाल लेते हैं उसकी एक व्यापक टेक्नालॉजी और उद्योग है जिसमें एटीएम मशीन बनाने, लगाने, चलाने वाली कंपनियों से लेकर मशीन में कैश डालने वाली कंपनियां, लोग और एटीएम बॉक्स के पास बैठे गार्ड्स तक शामिल हैं.

एटीएम
Reuters
एटीएम

आपके आसपास जो एटीएम काम कर रहे हैं वो सब एक जैसे नहीं, कम से व्यापारिक दृष्टि से.

आपका वास्ता जिन एटीएम से होता है वो तीन तरह के होते हैं:

1. बैंकों के अपने एटीएम जिसकी देखभाल या तो वो ख़ुद करते हैं या फिर ऐसी कंपनियों को दे देते हैं जो एटीएम से जुड़े सारे काम देखती है.

2. बैंक एटीएम मुहैया करवाने वाली कंपनी को ठेका देकर ज़रूरत के मुताबिक़ मशीनें लगवाती हैं जिसमें हर ट्रांज़ैक्शन के बदले बैंक को कमीशन देना होता है.

उपर के दोनों तरह के मॉडल में मशीन में कैश डलवाना बैंक की ज़िम्मेदारी होती है.

3. आरबीआई ने साल 2013 में कुछ कंपनियों को लाइसेंस दिया है कि वो अपने हिसाब से एटीएम मशीनें लगाकर बैंकों को एटीएम सेवा मुहैया करवाएं, जिसके बदले उन्हें कमीशन या एटीएम इंटरचेंज फ़ीस मिलती है.

इलाहाबाद में एटीएम के बाहर अपनी बारी के इंतजार में लोग
AFP
इलाहाबाद में एटीएम के बाहर अपनी बारी के इंतजार में लोग

इस मॉडल में एनबीएफ़सी (नॉन बैंकिंग फाइनांस कंपनी) जगह का चयन, किराये की जगह लेना, उसकी देखभाल, मशीन में कैश डलवाना और सभी दूसरे काम करवाने के लिए ज़िम्मेदार होती है.

जो कमीशन ट्रांजैक्शन के लिए बैकों के ज़रिये दिया जाता है वो नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और आरबीआई के बीच विचार-विमर्श के बाद तय होता है. लेकिन ये कमीशन पिछले पांच सालों में जहां का तहां है जबकि उद्योग में मौजूद लोगों के मुताबिक़ एटीएम चलाने से संबंधित ख़र्चों में काफी बढ़ोतरी हो गई है.

के श्रीनिवास कहते हैं, जहां हमें कैश ट्रांज़ैक्शन के लिए 15 रुपये कमीशन मिलता है वहां उसका ख़र्च उससे ऊपर भाग गया है. और अब सरकार और आरबीआई कई नए नियम लागू करने जा रही है जिसका मतलब होगा और अधिक ख़र्च.

हाल में गृह मंत्रालय ने एटीएम तक कैश लाने वाली वैन में अतिरिक्त सुरक्षा के कई नियम लगा दिए हैं, साथ ही सॉफ्टवेयर में अपग्रेडेशन का भी प्रावधान आरबीआई ला रही है जिससे इस बिज़नेस में आनेवाला ख़र्च और बढ़ जाएगा.

CATMi का कहना है कि इन सबको लागू करने में एटीएम उद्योग को कम से कम 3500 करोड़ रूपयों की दरकार है जो उसके लिए बहुत अधिक है, ख़ासतौर पर तब जब नोटबंदी की वजह से एटीएम मशीनों में पहले बदलाव करना पड़ा था.

ये भी पढ़ेंः

BBC Hindi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Why 50 percent of ATMs are on the verge of closure
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X