Wheat Export: बैन के बावजूद दोगुने से अधिक हुआ गेहूं निर्यात, 1,487 मिलियन डॉलर तक पहुंचा
Wheat Export from India 2022: भारत से गेहूं का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से सितंबर के दौरान पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कीमत के हिसाब दोगुने से भी ज्यादा होकर 1.48 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। बुधवार को वाणिज्य मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गई है। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि के दौरान गेहूं निर्यात सिर्फ 630 मिलियन डॉलर का हुआ था। सिर्फ गेहूं नहीं चावल समेत बाकी अनाज और यहां तक कि पोल्ट्री, फल और डेयरी उत्पादों के निर्यात में भी इस अवधि में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
पहली
छमाही
में
1,487
मिलियन
डॉलर
का
गेहूं
निर्यात
घरेलू
हितों
को
देखते
हुए
इस
साल
मई
में
केंद्र
सरकार
ने
देश
से
गेहूं
के
निर्यात
पर
प्रतिबंध
लगा
दिया
था।
लेकिन,
खाद्य
सुरक्षा
की
आवश्यकताओं
के
मद्देनजर
कुछ
जरूरतमंद
देशों
के
आग्रह
को
देखते
हुए
कुछ
शिपमेंट
को
बाहर
जाने
की
अनुमति
दी
गई
थी।
अब
वाणिज्य
मंत्रालय
ने
कहा
है,
'गेहूं
का
निर्यात
2021
के
अप्रैल-सितंबर
के
630
मिलियन
डॉलर
से
बढ़कर
2022
के
अप्रैल-सितंबर
के
बीच
1,487
मिलियन
डॉलर
पहुंच
गया
है।'
APEDA
प्रोडक्ट्स
का
कुल
निर्यात
25%
बढ़ा
इस
साल
रूस
और
यू्क्रेन
के
बीच
युद्ध
शुरू
होने
की
वजह
से
पूरी
दुनिया
में
गेहूं
की
भारी
किल्लत
हुई
है
और
कीमतें
भी
आसमान
छू
चुकी
हैं।
रूस
और
यूक्रेन
दोनों
ही
देश
गेहूं
के
बहुत
बड़े
उत्पादक
और
निर्यातक
भी
हैं।
इसके
अलावा
वाणिज्य
मंत्रालय
ने
यह
भी
बताया
है
कि
चालू
वित्त
वर्ष
की
पहली
छमाही
में
एग्रीकल्चर
एंड
प्रोसेस्ड
फूड
प्रोडक्ट्स
का
निर्यात
भी
25%
बढ़
गया
है।
एग्रीकल्चर
एंड
प्रोसेस्ड
फूड
एक्सपोर्ट
डेवलपमेंट
अथॉरिटी
(APEDA)प्रोडक्ट्स
का
कुल
निर्यात
2022
के
अप्रैल-सितंबर
के
दौरान
पिछले
साल
की
इसी
अवधि
के
11.05
बिलियन
डॉलर
से
बढ़कर
13.77
बिलियन
डॉलर
तक
पहुंच
चुका
है।
APEDA
के
निर्यात
का
लक्ष्य
पहली
छमाही
में
आधे
से
ज्यादा
मंत्रालय
ने
कहा
है
कि
APEDA
ने
साल
2022-23
में
23.56
बिलियन
डॉलर
के
निर्यात
का
लक्ष्य
तय
किया
था,
जबकि
पहली
छमाही
में
ही
13.77
बिलियन
डॉलर
के
निर्यात
का
लक्ष्य
हासिल
हो
चुका
है।
इसी
तरह
से
ताजे
फल
का
निर्यात
इस
अवधि
में
पिछले
साल
के
301
मिलियन
डॉलर
की
तुलना
में
313
मिलियन
डॉलर
का
रहा
है।
बासमती
चावल-मसूर
का
निर्यात
भी
बढ़ा
बाकी
चीजों
में
मसूर
का
निर्यात
135
मिलियन
डॉलर
से
बढ़कर
330
मिलियन
डॉलर
हो
चुका
है।
बासमती
चावल
का
निर्यात
भा
समान
अवधि
में
पिछले
साल
के
1.66
बिलियन
डॉलर
की
तुलना
में
बढ़कर
2.28
बिलियन
डॉलर
हो
गया
है।
गैर-बासमती
चावल
के
निर्यात
में
भी
8%
का
इजाफा
हुआ
है
और
यह
अब
3.20
बिलियन
डॉलर
हो
चुका
है।
पोल्ट्री
और
डेयरी
प्रोडक्ट
का
भी
निर्यात
बढ़ा
वहीं
पोल्ट्री
और
डेयरी
प्रोडक्ट
के
निर्यात
में
तो
जबर्दस्त
उछाल
दर्ज
किया
गया
है।
पोल्ट्री
प्रोडक्ट
का
निर्यात
83%
बढ़कर
57
मिलियन
डॉलर
हो
गया
है
और
डेयरी
प्रोडक्ट
के
निर्यात
में
58%
की
बढ़ोतरी
हुई
है
और
यह
342
मिलियन
डॉलर
हो
गया
है।
(इनपुट-पीटीआई)