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80:20 Scheme: इस योजना को लेकर भाजपा ने घेरा पूर्व सरकार को, राजन को एसोसिएशन ने दी थी जानकारी

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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में हजारों करोड़ का घोटाला सामने आने के बाद एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पीएनबी को करोड़ों की चपत लगाने वाले नीरव मोदी के मामले से पहले 26 जुलाई 2014 को बुलियन एंड ज्वेलेर्स एसोसिएशन (आईबीजेए)ने केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा था, जिसमे आरोप लगाया था कि यूपीए सरकार ने जानबूझकर सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले गोल्ड नीति में बदलाव किया, जिसके चलते इतना बड़ा घोटाला हुआ।

भाजपा ने साधा निशाना

भाजपा ने साधा निशाना

पीएनबी घोटाले के लिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछली सरकार को जिम्मेदा ठहराया, उन्होंने कहा कि मनमोहन सरकार ने जानबूझ कर इस तरह की नीति बनाई जिससे की इतना बड़ा घोटाला हुआ। प्रसाद ने कहा कि अगस्त 2013 को 80:20 योजना की शुरुआत की गई जिसे नवंबर 2014 में खत्म किया गया। इस योजना को नवंबर माह में खत्म कर दिया गया था। तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 80:20 योजना की शुरुआत की थी जिसके तहत 7 निजी कंपनियों को मदद मिली, जिसमे गीतांजली भी शामिल है।

क्या है 80:20 योजना

क्या है 80:20 योजना

आपको बता दें कि 80:20 योजना उस वक्त शुरू की गई जब करेंट अकाउंट डेफिसिट बहुत गंभीर हो गया था। जिसके बाद सोने के आयात को नियंत्रित करने के लिए एमएमटीसी और पीएसयू को ही सोने के आयात का अधिकार था, जिसे बदलकर कुछ प्राइवेट एजेंसियों को भी सोने के आयात व निर्यात की इजाजत दी गई थी। इन कंपनियों को इस शर्त पर इसकी इजाजत दी गई थी कि वह आयात का 20 0फीसदी निर्यात कर सकते हैं और 80 फीसदी घरेलू उपभोग में इस्तेमाल कर सकते हैं। मोदी सरकार ने इस योजना को नवंबर 2014 में खत्म कर दिया था।

गलत तरह से बढ़ाया गया सोना का दाम

गलत तरह से बढ़ाया गया सोना का दाम

मनी कंट्रोल की खबर के अनुसार 21 मई 2014 को यूपीए सरकार के कार्यकाल के खत्म होने से महज पांच दिन पहले यह फैसला लिया गया था। इस फैसले के तहत 13 स्टार ट्रेडिंग हाउस व प्रीमियम ट्रेडिंग हाउस, जिसमे मेहुल चोकसी का गीतांजली भी शामिल है। इन्हे इस बात की इजाजत दी गई कि वह आयात के लिए 80 फीसदी सोना स्थानीय बाजार में दे सकते हैं, इस नीति का नाम 80:20 था। इस नीति के चलते गोल्ड व्यापारियों को गोल्ड की जमाखोरी करने में छुट मिली और इन लोगों ने गलत तरीके से गोल्ड की कीमत को बढ़ाया।

राजन को दिया गया था इसे छिपाने का जिम्मा

राजन को दिया गया था इसे छिपाने का जिम्मा

आईबीजेए ने कहा कि आरबीआई का सर्कुलर 21 मई 2014 को जारी किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय बैंकों को नजरअंदाज किया गया था, जोकि बुलियन व ज्वेलरी के आयात-निर्यात की रीढ़ है। इस ऐलान के तहत कुछ चुनिंदा प्राइवेट कंपनियों को गोल्ड आयात करने की इजाजत दी गई, उन्हे एक बार में दो टन तक सोना लाने की इजाजत दी गई। इसके बाद रघुराम राजन को कहा गया था कि वह इस नीति के तहत इस तरह का आंकलन करें ताकि किसी भी तरह की कमी को समय रहते सही कर लिया जाए।

जानबूझकर किया गया

जानबूझकर किया गया

अपने पत्र में आईबीजेए ने कहा है कि कुछ प्राइवेट कंपनियां जोकि इस घरेलू बुलियन मार्केट में जमकर लाभ उठा रही थीं, उन्हे बाद में काफी नुकसान उठाना पड़ा। जिसके बाद इन लोगों ने सरकार पर इस तरह की नीति बनाने का दबाव डाला। जिसके बाद यह 80:20 योजना को लागू किया गया था। इस पत्र में यह भी कहा गया है कि करेंट अकाउंट डेफिसिट का लक्ष्य हासिल करने के बाद पिछली सरकार ने भविष्य की चिंता नहीं की और जानबूझकर इस तरह की मुद्रा का निर्माण किया जिससे की इतना बड़ा नुकसान हुआ।

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English summary
What is 80:20 scheme and Raghuram Rajan was warned about it by jewellery industry. Mehul Choksi which lead PNB scam.
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