कितनी थी विवेक तिवारी की गाड़ी की स्पीड, पुलिस की टेक्निकल रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस की गोली से मारे गए एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी के केस में परत-दर-परत नई बातें सामने आ रही हैं।
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नई दिल्ली। यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस की गोली से मारे गए एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी के केस में परत-दर-परत नई बातें सामने आ रही हैं। एसआईटी की जांच में हो रहे नए खुलासों के बीच अब पुलिस विभाग के मोटर टर्मिनल यूनिट की तकनीकी जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विवेक को गोली लगने के बाद, उसकी एसयूवी अंडरपास के पोल से टकराने से पहले किस स्पीड में थी। तकनीकी जांच पूरी करने के बाद अब इस रिपोर्ट को एसआईटी को सौंप दिया गया है।
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ये थी विवेक की कार की स्पीड
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मोटर टर्मिनल यूनिट की तकनीकी जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि लखनऊ के शहीद पथ पर अंडरपास के पोल से टकराने से पहले विवेक तिवारी की एसयूवी की रफ्तार करीब 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी। मोटर टर्मिनल यूनिट के विशेषज्ञों का कहना है कि इस रिपोर्ट को देखकर लगता है कि गोली लगने के बाद विवेक इतनी स्पीड से या तो अपनी जान बचाने के लिए हॉस्पिटल के लिए भागा था या फिर अपनी सहयोगी सना खान को बचाने के लिए। सना खान ने टीओई को दिए अपने इंटरव्यू में बताया भी था कि गोली लगने के बाद भी विवेक उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे।
कैसे तैयार होती है गाड़ी की टेक्निकल रिपोर्ट
पुलिस विभाग की मोटर टर्मिनल यूनिट के सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया, 'हमारी यूनिट ने एसयूवी की तकनीकी जांच पूरी कर ली है और रिपोर्ट को एसआईटी को सौंप दिया गया है। जिस समय विवेक की कार गोमतीनगर थाने में लाई गई थी, तभी से हमारी टीम ने उसकी तकनीकी जांच शुरू कर दी थी। जांच में पता चला कि कार के बोनट की बाहरी तरफ गहरा दबाव है। वहीं, बोनट के अंदर फैन बेल्ट, रेडिएटर, ग्रिल्स और बाकी पार्ट्स पूरी तरह क्षतिग्रस्त हैं, जो यह इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि अंडरपास के पोल से टकराने से पहले गाड़ी की रफ्तार करीब 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा थी।
सना खान ने अपने इंटरव्यू में क्या कहा?
अरुण कुमार सिंह ने यह भी बताया कि गाड़ी की दोनों सीटों के एयरबैग खुले हुए थे। उन्होंने बताया कि इसके आगे की जांच फोरेंसिक विभाग की टीम करेगी। आपको बता दें कि इस मामले में एकमात्र चश्मदीद गवाह सना खान ने भी अपने इंटरव्यू में कहा था कि विवेक तिवारी गोली लगने के बाद भी उसकी सुरक्षा के लिए गाड़ी को तेजी से लेकर भागे थे। मोटर टर्मिनल विभाग की तकनीकी जांच रिपोर्ट के बारे में जब एसआईटी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी इसके बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। हमारी टीम का पूरा ध्यान अभी साक्ष्य जुटाने में हैं, उसके बाद हम उन साक्ष्यों का गहराई से अध्ययन करेंगे।
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अब तक किस-किसके बयान दर्ज
इससे पहले मंगवलार को एसआईटी के अधिकारियों ने घटना वाली रात लखनऊ के गोमतीनगर थाने में मौजूद चार पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए। बताया जा रहा है कि इस मामले में अभी कुछ और पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज होंगे। वहीं, विवेक तिवारी मर्डर केस में दूसरे आरोपी संदीप कुमार ने एसआईटी को बताया कि उसने घटना वाली रात प्रशांत को विवेक की कार के पास जाने से रोका था। संदीप ने कहा कि उसने प्रशांत से पिस्टल निकालने के लिए भी मना किया था। प्रशांत ने एसआईटी को दिए अपने बयान में बताया कि उसने केवल चेतावनी देने के लिए पिस्टल निकाली थी और गलती से उससे गोली चल गई।