
'बेटी को आखिरी बार देखना चाहती थी पर..',अंकिता भंडारी की मां बोलीं- बिना हमारी मर्जी के किया गया अंतिम संस्कार
देहरादून, 27 सितंबर: उत्तराखंड के ऋषिकेश रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की मां ने को दावा किया कि उनकी बेटी का अंतिम संस्कार पिछली शाम उनकी सहमति के बिना जल्दबाजी में कर दिया गया। अंकिता भंडारी की हत्या का आरोप ऋषिकेश के वनंतारा रिसॉर्ट के मालिक और पूर्व बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर लगा है। अंकिता भंडारी का शव शनिवार तड़के ऋषिकेश के पास चीला नहर से बरामद किया गया था। 18 सितंबर की रात से अंकिता भंडाली लापता थी।
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परिवार ने इस वजह से कर दिया था अंतिम संस्कार से मना!
रविवार शाम करीब 6 बजे अंकिता भंडारी का अंतिम संस्कार पौड़ी गढ़वाल के आईटीआई घाट पर किया गया। जबकि अंकिता भंडारी के परिवार ने फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई से अंकिता भंडारी के भाई ने कहा था कि वह बहन का अंतिम संस्कार तभी करेंगे, जब उनके परिवार को पोस्टमार्टम की फाइनल कॉपी मिल जाएगी।

अंकिता की मां बोलीं- बेटी को आखिरी बार देखना था...
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में अंकिता भंडारी की मां को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह अपनी बेटी को "एक आखिरी बार" देखने का इंतजार कर रही थी, लेकिन अधिकारियों ने उसे "धोखा" दिया।
अंकिता भंडारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के स्वामित्व वाले पौड़ी गढ़वाल जिले के वनंतरा रिसॉर्ट में काम करती थी। पुलकित और दो अन्य कर्मचारियों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है, जिससे पूरे पहाड़ी राज्य में भारी आक्रोश है।

'वे मुझे बताए बिना मेरी बेटी का अंतिम संस्कार कैसे कर सकते है...?'
अंकिता भंडारी की मां बोलीं, ''वे (अधिकारी) मुझे बार-बार धोखा दे रहे हैं। वे मुझे बताए बिना मेरी बेटी का अंतिम संस्कार कैसे कर सकते हैं। क्या कोई दाह संस्कार इतनी देर से होता है?" बता दें कि स्थानीय निवासियों के विरोध के बीच पुलिस द्वारा पौड़ी के श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी से अंकिता का शव को निकालने में कामयाब होने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया, जहां शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद उसका शव रखा गया था।

'पहले बताया गया अंतिम संस्कार सोमवार को होगा'
पुलिस ने अंकिता भंडारी के पिता की मदद ली, जिन्होंने भीड़ को बताया कि प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वीडियो में, मां को श्रीनगर के एसडीएम अजय वीर सिंह के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है, "वे मेरी सहमति के बिना मेरी बेटी को कैसे ले जा सकते हैं।" वीडियो में परिवार के एक अन्य सदस्य को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ''हमें अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि अंतिम संस्कार सोमवार को होगा। लेकिन उन्होंने अंतत शव को एम्बुलेंस में डाल दिया और हमें धोखा देकर दाह संस्कार के लिए ले गए।''