20 मिलियन डालर के 114 लड़ाकू जेट IAF के बेड़े में होंगे शामिल, 'ग्लोबल मेक इन इंडिया' रूट के पक्ष में सेना
नई दिल्ली, 21 अप्रैल। रक्षा सामग्री की खरीद के मामले में भारत ने अब विदेशों पर निर्भरता घटाने लगा है। रक्षा मंत्रालय के गत वर्ष के आंकड़े इस बात का प्रमाण है। रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 के दौरान 76074 करोड़ रुपये की घरेलू खरीद हुई, जिसमें विदेशों से कुल 42786 करोड़ की रक्षा सामग्री आयात की गई। अब तीन अमेरिकी विमान एयरक्राफ्ट समेत F-18, F-15 और F-21, रूसी मिग -35 और Su-35, फ्रेंच राफेल, स्वीडिश साब ग्रिपेन और यूरोफाइटर टाइफून विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है। इसके लिए भारतीय वायुसेना अपने 20 बिलियन अमरीकी डालर के 114 लड़ाकू जेट सौदे के लिए 'ग्लोबल मेक इन इंडिया' रूट के पक्ष में है।
'बाय ग्लोबल मेक इन इंडिया' रक्षा कार्यक्रम में 'मेक इन इंडिया' के तहत देश के भीतर विदेशी हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण और उनके उत्पादन को सुगम बनाने के लिए खरीद प्रक्रिया की एक श्रेणी है। वर्ष 2020में रक्षा मंत्रालय ने हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण और उत्पादन की प्रक्रिया की इस श्रेणी को मंजूरी दी थी। अब 114 लड़ाकू विमान (MRFA) के निर्माण के लिए 20 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक के टेंडर के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) देश के भीतर विमानों का उत्पादन करने पर विचार कर रही है। इसके लिए वायु सेना रणनीतिक साझेदारी नीति मॉडल पर बाय ग्लोबल मेक इन इंडिया की प्रक्रिया पसंद करेगा।
भरतीय वायुसेना को स्वदेशी LCA तेजस और 5वीं जेनेरेशन के अपडेटेड मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना के साथ 114 MRFA परियोजना की अवश्यकता है। इन विमानों के वायुसेना में शामिल होते ही इंडियन एयरफोर्स की ताकत उत्तरी और पश्चिमी सीमा विरोधियों पर बढ़त बनाने के लिए काफी होगी।
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न्यूज एजेंसी एएनआई की मानें तो वायुसेना विदेशी हथियारों की खरीत में बाय ग्लोबल मेक इन इंडिया रूट के लिए जाना पसंद करेगी। इसके तहत वेंडर के कार्यक्रमों में वायुसेना के भाग लेने की उम्मीद है। वायुसेना की ताजा डील में F-18, F-15 और F-21, रूसी मिग -35 और Su-35 सहित तीन अमेरिकी विमान, फ्रेंच राफेल, स्वीडिश साब ग्रिपेन और यूरोफाइटर टाइफून विमान की चर्चा है। कहा जा रहा है कि वायुसेना ने इस प्रोजेक्ट पर आगे की कार्रवाई और रक्षा मंत्रालय से परियोजना पर मंजूरी के लिए निर्देश मांगा है।