UNESCO: जानिए श्रीनगर को क्यों मिला क्रिएटिव सिटी का दर्जा? भारत के ये 5 शहर पहले से ही हैं नेटवर्क में शामिल
श्रीनगर, 9 नवंबर: यूनेस्को ने श्रीनगर को यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल कर लिया है। इस साल भारत के श्रीनगर समेत दुनिया भर के 49 और शहरों को यह दर्जा दिया गया है। भारत की ओर से इस साल ग्वालियर का नाम भी यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल करने के लिए भेजा गया था, लेकिन, श्रीनगर को ही अकेले यह मान्यता मिली है। इस तरह से अब विश्व में कुल 295 शहर यूनेस्को के क्रिएटिव सिटी में शामिल कर लिए गए हैं, जिसमें श्रीनगर भारत का छठा शहर है। यह दर्जा पाने के लिए सात श्रेणियां बनी हुई हैं और उसी आधार पर शहरों का चुनाव किया जाता है।
किन शहरों को मिलता है क्रिएटिव सिटी का दर्जा?
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (यूसीसीएन) में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही श्रीनगर देश का ऐसा छठा शहर बन गया है, जो दुनिया भर के 295 क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क का हिस्सा बन चुका है। यूनेस्को ने यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क प्रोजेक्ट 2004 में लॉन्च किया था। इसका मकसद, 'उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, जो क्रिएटिविटी को अपने शहरी विकास में रणनीतिक रूप से बढ़ावा देते हैं।' यूनेस्को के मुताबिक जिन शहरों को इसका दर्जा मिलता है वे 'स्थानीय स्तर पर अपनी विकास योजनाओं में रचनात्मकता और अपनी सांस्कृतिक उद्यमों को केंद्र में रखते हैं और इसी आधार पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रियता के साथ सहयोग करते हैं। '
Recommended Video
श्रीनगर को क्यों मिला क्रिएटिव सिटी का दर्जा?
सोमवार को यूनेस्को ने श्रीनगर समेत दुनिया के 49 शहरों को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल किया है। इसके साथ ही यह मान्यता दुनिया के 90 देशों के 295 शहरों को मिल चुकी है। क्रिएटिव सिटीज का दर्जा सात क्षेत्रों में दिया जाता है- शिल्प, लोक कला, मीडिया आर्ट्स, फिल्म डिजाइन, पाक कला, साहित्य और संगीत। श्रीनगर शहर को इस नेटवर्क में उसके शिल्प और लोक कला के लिए शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर सोमवार रात को ही फौरन इसको लेकर काफी खुशी जताई थी और कहा था कि 'खास बात ये है कि यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क के लिए यहां के शिल्प और लोक कला का विशेष जिक्र किया गया है।' उन्होंने लिखा कि 'यह श्रीनगर के जीवंत सांस्कृतिक लोकाचार को एक उपयुक्त मान्यता है। जम्मू और कश्मीर की जनता को शुभकामनाएं।'
श्रीनगर के अलावा ग्वालियर का भी था नाम
यूसीसीएन प्रोजेक्ट के लिए यूनेस्को हर साल इन सात श्रेणियों के लिए दुनिया भर के शहरों से आवेदन मंगाता है। भारत से यह आवेदन केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से आगे बढ़ाया जाता है। जम्मू और कश्मीर के हैंडीक्राफ्ट्स के डायरेक्टर मेहमूद अहमद शाह का कहना है कि, 'इस साल भारत के चार शहरों- कोलकाता, ग्वालियर, इंदौर और श्रीनगर ने सांस्कृतिक मंत्रालय में आवेदन दिया था। मंत्रालय ने कोलकाता और इंदौर का आवेदन अधूरा पाया और सिर्फ श्रीनगर और ग्वालियर के आवेदनों को आगे भेजा।........हालांकि, हर देश से दो शहरों के नामों की घोषणा होती है, इस साल सिर्फ श्रीनगर को यूनेस्को की ओर से यूसीसीएन की मान्यता मिली है।'
श्रीनगर को इससे क्या फायदा होगा ?
श्रीनगर शहर ने 2018 में भी आवेदन डाला था, लेकिन तब उसे खारिज कर दिया गया था। शाह का कहना है कि इससे श्रीनगर को सिर्फ यूसीसीएन के जरिए वैश्विक मान्यता ही नहीं मिली है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय फंड मिलने में भी मदद मिलेगी और शिल्प विश्वविद्यालयों के साथ मेल-मिलाप भी बढ़ेगा और शिल्प के उत्पाद की भी मांग बढ़ेगी।
भारत के ये 5 शहर पहले से ही हैं नेटवर्क में शामिल
श्रीनगर से पहले भारत के 5 और शहरों को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल किया जा चुका है। ये शहर हैं- जयपुर, मुंबई, चेन्नई, वाराणसी और हैदराबाद। श्रीनगर से पहले अकेले जयपुर को उसके शिल्प और लोक कला के लिए यह दर्जा दिया गया था। जबकि, मुंबई को फिल्म डिजाइन, चेन्नई और और वाराणसी को संगीत और हैदराबाद को पाक कला के लिए यह मान्यता दी जा चुकी है।