'गलती हुई,खेद है...', उदित राज ने राष्ट्रपति मुर्मू पर दिए बयान पर मांगी माफी, कहा- मैं सवाल करता रहूंगा
'गलती हुई,खेद है...', उदित राज ने राष्ट्रपति मुर्मू पर दिए बयान पर मांगी माफी, कहा- मैं सवाल करता रहूंगा
Udit Raj on Droupadi Murmu: कांग्रेस नेता उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिए अपने विवादित बयान पर खेद जताया है। उदित राज ने ट्वीट कर कहा है कि शब्द चयन करने में उनसे गलती हुई है, जिसके लिए उन्हें खेद है। इसके साथ ही उदित राज ने ये भी कहा कि वो सवाल करना नहीं छोड़ेंगे क्योंकि ये उनका अधिकार है। कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने ट्वीट में कहा, ''राष्ट्रपति जी (द्रौपदी मुर्मू )को बयान सोच करके देना चाहिए। नमक खाने का अर्थ गहरा है। मेरे शब्द चयन में गलती हुई, खेद है। मै सवाल करता रहूंगा। मैं पद का मोह नहीं रखता, एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व करता हूं, इसलिए तो तड़प जाता हूं, जब इनके नाम से उच्च पद पर रहकर लोग चुप रहते हैं।''
महिला आयोग ने उदित राज को भेजा था नोटिस
कांग्रेस नेता उदित राज को राष्ट्रपति पर अपमानजनक टिप्पणी के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा नोटिस दिया गया था। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा था कि उदित राज ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी व्यक्तिगत थी और भारत के राष्ट्रपति के लिए नहीं थी बल्कि एक आदिवासी प्रतिनिधि के लिए थी,ऐसी टिप्पणी जो वह केवल एससी / एसटी प्रतिनिधि के तौर पर दी गई थी।
'मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत...'
कांग्रेस नेता उदित राज ने अपने ट्वीट में कहा था, ''द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित आदिवासी आलोचना करेगें और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं। बीजेपी ने मेरा सम्मान किया लेकिन जब एससी/एसटी की बात की तो मैं बुरा हो गया।''
'मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है...'
कांग्रेस नेता उदित राज ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपती के तौर पर पूरा सम्मान है। वो दलित-आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं और मुझे आधिकार है अपने हिस्से का सवाल करना। इसे राष्ट्रपती पद से न जोड़ा जाए। मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है, कांग्रेस पार्टी का नहीं है। मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया, उन्होंने वोट मांगा आदीवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपति हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं और फिर चुप हो जाते हैं।
'मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले...'
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा था, ''द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70 फीसदी लोग गुजरात का नमक खाते हैं। खुद नमक खाकर जिंदगी जिएं तो पता लगेगा।''