आंधी तूफान की बातें सब 'हवा' हैं
8 मई 2018 के लिए मौसम विभाग की चेतावनी - दिल्ली एनसीआर के इलाके में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश की आशंका है. ये तेज़ हवाएं उत्तर भारत से बढ़ती हुई उत्तर पूर्वी भारत की ओर बढ़ रही हैं.
इस भविष्यवाणी के मद्देनज़र दिल्ली-एनसीआर के इलाके में कई स्कूल बंद कर दिए गए. दिल्ली पुलिस ने अपनी तरफ से लोगों को सलाह देते हुए एडवाइज़री जारी कर दी कि बहुत ज़रूरी काम न हो तो
8 मई 2018 के लिए मौसम विभाग की चेतावनी - दिल्ली एनसीआर के इलाके में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश की आशंका है. ये तेज़ हवाएं उत्तर भारत से बढ़ती हुई उत्तर पूर्वी भारत की ओर बढ़ रही हैं.
इस भविष्यवाणी के मद्देनज़र दिल्ली-एनसीआर के इलाके में कई स्कूल बंद कर दिए गए. दिल्ली पुलिस ने अपनी तरफ से लोगों को सलाह देते हुए एडवाइज़री जारी कर दी कि बहुत ज़रूरी काम न हो तो लोग घर से बाहर न निकलें.
दिल्ली मेट्रो की तरफ से कहा गया कि अगर हवा की रफ़्तार 90 किलो मीटर होगी, तभी मेट्रो सेवा बाधित रह सकती है.
लेकिन तमाम इंतज़ाम धरे के धरे रह गए.
दिल्ली में मौजूद मौसम विभाग के महानिदेशक केजे रमेश के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के लिए चेतावनी थी 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलाने की.
लेकिन दिल्ली में मौसम विभाग ने कभी भी 'रेड ज़ोन' नहीं बताया था. दिल्ली के लिए चेतावनी 'ऑरेंज ज़ोन' की थी.
'ऑरेंज जोन' क्या है?
केजे रमेश के मुताबिक 'ऑरेंज ज़ोन' का मतलब होता है हवाएं 35-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी.
ऐसी स्थिति में कच्चे मकान में रहने वालों के लिए सबसे ज़्यादा नुक़सान होता है.
ऐसे मकान हवा चलने पर ढह सकते हैं.
इतना ही नहीं जिन इलाकों में ऊंची बिल्डिंग आमने-सामने हो और बीच में रास्ता संकरा हो तो वहां 35 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली हवा 70 किलोमीटर से भी ज्यादा तेज़ का असर कर सकती है.
ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को 'ऑरेंज ज़ोन' की एडवाइज़री को ज्यादा गंभीरता से लेने की ज़रूरत होती है. जैसे दिल्ली का नेहरु नगर का इलाका.
हवा की रफ़्तार 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हो तो इलाके के पेड़, बिजली के खंभे, होर्डिंग पर असर पड़ता है. ऐसे में सड़क पर निकलते वक़्त इन सब का आप पर या आपकी गाड़ी पर गिरने का ख़तरा ज्यादा रहता है. इसलिए घर से बाहर निकलने पर सावधानी बरतने को कहा जाता है.
एक स्थिति ऐसी भी आती है जब हवा की रफ़्तार 90 किलोमीटर प्रति घंटे की होती. ऐसे में हवा के साथ साथ 'स्क्वेल' चलते हैं, जो कुछ कुछ चक्रवाती तूफ़ान जैसा होता है. इस हालात में मौसम विभाग 'रेड ज़ोन' की चेतावनी जारी करता है.
तो क्या टल गया है ख़तरा?
मौसम विभाग के मुताबिक देश के उत्तरी इलाकों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में 24 घंटे तक ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी.
दिल्ली में मंगलवार रात के बाद तेज़ हवाएं चलने की आशंका न के बराबर है.
हालांकि मौसम विभाग का दावा है कि दो दिन के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में ऐसी तेज हवाएं चल सकती हैं.
https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/1999583936739838/
साथ ही चेतावनी दी है कि 12 मई के बाद दोबारा दिल्ली और आस-पास के इलाके में एक बार फिर तेज हवाएं चलने की आशंका है.
मौसम विभाग के मुताबिक 2 मई को आई तेज़ हवाओं के मुकाबले आज चलने वाली हवाएं थोड़ा कमजोर होंगी. 2 मई को हवाएं 90 किलोमीटर की रफ्तार से चली थी. लेकिन आज हवाएं केवल 50 किलोमीटर की रफ्तार से चलने की संभावना हैं. लेकिन इस मौसम के लिए ऐसी हवाओं का चलना कोई नई बात नहीं है.
तेज हवाओं से कैसे बचें ?
केजे रमेश के मुताबिक घर से निकलने के पहले मौसम विभाग की वेबसाइट देख लें.
बाहर का मौसम देख कर आप ख़ुद भी इसका अंदाजा लगा सकते हैं.
ये पूरा मामला 40 मिनट से एक घंटे के बीच खत्म हो जाएगा.
ऐसे मौके पर अगर आप खुले में हैं तो जल्द से जल्द 'सेफ़ होम' जैसे किसी होटल, मॉल, घर, पक्के मकान की तलाश करें और वहां शरण लें.
पेड़ और खंभों के सहारे न खड़े हों.
ऐसी स्थिति में घर पर हों तो आप सुरक्षित हैं. लेकिन टीवी, फ्रिज़ या दूसरे बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल बंद कर दें.
लेकिन मंगलवार को जो आने वाला है वो आंधी या तूफान नहीं है. वो सिर्फ तेज हवाएं हैं.
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