तीन राष्ट्रपति और वर्ल्ड चैंपियन लेकिन चर्चा छाते की
फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप में फ़ाइनल मैच के बाद दुनिया के तीन देशों के राष्ट्रपति की मौजूदगी में क्या हुआ.
फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप फ़िलहाल अगले चार सालों के लिए ख़त्म हो गया है लेकिन पीछे छोड़ गया है अपनी ख़ुमारी और ऐसे तमाम लम्हे जो लोगों के जेहन में हमेशा ताज़ा रहेंगे.
ऐसा ही एक लम्हा वर्ल्ड कप के फ़ाइनल मैच के बाद देखने के बाद मिला. वो लम्हा, जब दुनिया के तीन देशों के राष्ट्रपति और वर्ल्ड चैंपियन टीम की मौजूदगी में सबका ध्यान एक छाते पर चला गया.
टूर्नामेंट के ग्रैंड फ़िनाले ने फ़ुटबॉल प्रेमियों को निराश नहीं किया. फ़्रांस ने दूसरी बार मॉस्को में हुए रोमांचक फ़ाइनल मैच में क्रोएशिया को 4-2 से हराकर वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया.
हालांकि मैच खत्म होने के बाद थोड़ी असहज स्थिति हो गई थी क्योंकि ट्रॉफ़ी आने में वक़्त लगा और ख़िलाड़ियों को मैदान में तक़रीबन 20 मिनट तक खड़े होकर इंतज़ार करना पड़ा.
आख़िरकार, पिछली बार वर्ल्ड कप विजेता रही जर्मन फ़ुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान फ़िलिप लाम ट्रॉफ़ी लेकर आए और कार्यक्रम आगे बढ़ सका.
दूसरी तरफ़ रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों और क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंदा ग्रैबर किटारोविच मैदान पर पहुंचे.
देखते ही देखते बारिश भी शुरू हो गई.
पुतिन इस बारिश से ज़रा भी परेशान नहीं दिखे. शायद इसलिए क्योंकि वो पूरे वक़्त छाते के साथ खड़े रहे लेकिन मैक्रों और कोलिंदा बारिश में भींग रहे थे.
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हालांकि शिकन तो मैक्रों और कोलिंदा के चेहरों पर भी नहीं दिखी. वे खिलाड़ियों को गले लगाने में व्यस्त थे.
दोनों ने अपनी टीमों के अलावा दूसरी टीम के खिलाड़ियों को भी गले लगाया.
इन छोटे-छोटे लम्हों पर सबकी नज़र थी.
फ़ेसबुक और ट्विटर पर लोग इस दौरान हो रहे हर छोटी-बड़ी चीज़ के बारे में बात कर रहे थे. सोशल मीडिया पर एक छाते और तीन राष्ट्रपतियों की भी ख़ूब चर्चा हुई.
गैलिन ने ट्वीट किया, "मैक्रों बारिश में भींग रहे हैं और छाता लगाए पुतिन उन्हें मजे से देख रहे हैं. यह पुतिन का असली रूप है."
क्रोएशियाई राष्ट्रपति कोलिंदा ग्रैबर ने जिस गर्मजोशी से फ़्रांस की टीम युवा खिलाड़ी किलियान एमबापे को गले लगाया, उसने सबका दिल जीत लिया.
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बहुत से लोग कोलिंदा को क्रोएशियाई टीम के कप्तान लुका मोद्रिच के आंसू पोंछते देख भावुक हो गए.
घाना के मशहूर हिप-हॉप म्यूज़िशियन पैपी कोजो न ट्वीट किया,
"कोई मुझ उस तरह गले लगाए जैसे क्रोएशिया की राष्ट्रपति ने एमबापे को."
साद ने लिखा,
"क्रोएशियाई राष्ट्रपति अपने देश के हीरो मोद्रिच के आंसू पोंछ रही हैं, क्या दृश्य है!"
इन सब के बीच मेडल देने का औपचारिक कार्यक्रम ख़त्म हुआ.
अब फ़्रांस की विजयी टीम के कप्तान ह्यूगो लोरिस के हाथों में चमचमाती ट्रॉफ़ी देने का.
लोरिस ने ट्रॉफ़ी उठाकर हवा में लहराई और टीम के सभी खिलाड़ी उछल पड़े.
तो, 24 दिनों के मुक़ाबले और 160 से ज़्यादा गोल के बाद, फ़्रांस की जीत के साथ कुछ यूं ख़त्म हुआ फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप-2018.
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