घाटी में सड़कों पर घूम रहे आतंकी, इंडियन आर्मी सतर्क
श्रीनगर। रविवार की रात बारामूला स्थित 46 राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर हुए आतंकी कई हफ्तों पहले ही घाटी में दाखिल हो चुके थे। आधिकारिक सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ये आतंकी हालिया घुसपैठ का हिस्सा नहीं हैं।
घाटी में सक्रिय आतंकी
इंटेलीजेंस ब्यूरों (आईबी) की ओर से कुछ दिनों पहले जानकारी के मुताबिक घाटी में इन दिनों कई आतंकी मौजूद हैं। नौ जुलाई को जब से घाटी में हिंसा की शुरुआत हुई है तब से ही ये आतंकी सक्रिय हो चुके हैं।
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क्यों हो रही है देरी
अधिकारियों के मुताबिक घाटी में जिन कांउटर इनसरजेंसी ऑपरेशंस को चलाया गया था उसमें अब देरी हो रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सुरक्षाबलों के पास फिलहाल घाटी में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति संभालने का जिम्मा है।
घाटी में अशांति की वजह से सुरक्षाबल को पत्थरबाजी में व्यस्त रखा गया और ऐसे में कई आतंकी बच निकलने में कामयाब हो गए।
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पत्थरबाजी का मिला फायदा
अलगाववादियों ने पत्थरबाजी की घटनाओं की साजिश रची और इसने आतंकियों को घुसपैठ में काफी मदद की। हर हफ्ते अलगाववादी कैलेंडर जारी करते और युवाओं से पत्थरबाजी की अपील करते।
इन सबमें सुरक्षाबल व्यस्त हो गए और आतंकियों को सुनहरा मौका मिल गया। इसकी वजह से कुछ हद तक सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई।
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15 दिनों का समय
गृह मंत्रालय ने इस समस्या के जल्द समाधान के लिए कहा है। गृह मंत्रालय ने आईबी और इंडियन आर्मी को 15 दिनों का समय दिया है ताकि आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा सके। इस ऑपरेशन का मकसद घाटी में शामिल हो चुके सभी आतंकियों का सफाया करना है।