जल्लिकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट नहीं जारी करेगा अंतरिम आदेश, तमिलनाडु सरकार लाएगी अध्यादेश
न्नई के मरीना बीच पर लोग लगातार पांच दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों ने सीधा संदेश देने की कोशिश की है कि इस मामले में न राजनीति होगी, न हिंसा और न वे अपनी मांग से पीछे हटेंगे।
चेन्नई। जल्लिकट्टू को लेकर मचे बवाल के बीच तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करने के लिए एक अध्यादेश पारित करने जा रही है। राज्य के पारंपरिक खेल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने लोगों से अपील की है कि वे प्रदर्शन खत्म कर दें। सरकार इसके लिए अध्यादेश लाने जा रही है जिसे अनुमति के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हस्ताक्षर होने के बाद यह अध्यादेश लागू हो जाएगा। राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वह जल्लिकट्टू को लेकर अंतरिम आदेश जारी न करे। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह आने वाले हफ्ते में भी इसे लेकर कोई आदेश जारी नहीं करेगा।
'न
राजनीति,
न
हिंसा,
सिर्फ
जल्लिकट्टू'
मामला
कोर्ट
में
होने
की
वजह
से
केंद्र
सरकार
इसे
लेकर
अध्यादेश
जारी
नहीं
कर
सकती।
ऐसे
में
अटॉर्नी
जनरल
ने
बताया
कि
अध्यादेश
लाने
का
अधिकार
तमिलनाडु
के
पास
है।
तमिलनाडु
सरकार
जल्लिकट्टू
को
पारंपरिक
खेल
घोषित
करने
के
लिए
कानून
बना
सकती
है
या
इस
संबंध
में
अध्यादेश
ला
सकती
है
क्योंकि
यह
मामला
राज्य
का
है।
कानूनी
सलाह
के
लिए
मुख्यमंत्री
पन्नीसेल्वम
गुरुवार
को
दिल्ली
में
ही
रहे
ताकि
राज्य
में
चल
रहे
विरोध
प्रदर्शन
को
खत्म
करवाया
जा
सके।
चेन्नई
के
मरीना
बीच
पर
लोग
लगातार
पांच
दिनों
से
विरोध
प्रदर्शन
कर
रहे
हैं।
विरोध
कर
रहे
लोगों
ने
सीधा
संदेश
देने
की
कोशिश
की
है
कि
इस
मामले
में
न
राजनीति
होगी,
न
हिंसा
और
ही
वे
अपनी
मांग
से
पीछे
हटेंगे।
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ISI
के
कहने
पर
10
लीटर
के
प्रेशर
कुकर
से
उड़ाया
था
रेल
ट्रैक
'बैन
हटने
के
बाद
ही
खत्म
होगा
प्रदर्शन'
जल्लिकट्टु
को
लेकर
प्रदर्शन
कर
रहे
लोगों
से
मुख्यमंत्री
की
अपील
के
साथ
ही
AIADMK
नेता
शुक्रवार
को
गृहमंत्री
राजनाथ
सिंह
से
भी
मुलाकात
करेंगे
और
मरीना
बीच
की
स्थिति
के
बारे
में
जानकारी
देंगे।
विरोध
प्रदर्शनों
के
मद्देनजर
चेन्नऊ
में
स्कूल,
कॉलेज
बंद
कर
दिए
गए
हैं।
बस,
ऑटो
रिक्शा
और
टैक्सी
का
संचालन
भी
बंद
कर
दिया
गया
है।
प्रदर्शनकारियों
का
कहना
है
कि
मरीना
बीच
से
वे
तब
तक
नहीं
हटेंगे
जब
तक
सरकार
जल्लिकट्टू
को
लेकर
आधिकारिक
घोषणा
नहीं
कर
देती।
प्रदर्शनकारी
जल्लिकट्टू
पर
लगा
बैन
हटाने
की
मांग
कर
रहे
हैं।
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पर
क्यों
मचा
है
बवाल?