क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने संस्कृत, उर्दू, पारसी और फ्रेंच बुक से लिए थे संदर्भ

Google Oneindia News

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर अपने फैसले में इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व और धर्म से जुड़ी संस्कृत, हिंदी, उर्दू, पारसी, तुर्की, फ्रेंच और अंग्रेजी की पुस्तकों का भी संदर्भ लिया है। हालांकि, किसी तरह के नतीजे पर पहुंचने से पहले सावधानी बरतते हुए कोर्ट ने जरूर कहा कि इतिहास को समझने के अपने खतरे हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अध्यक्षता वाली बेंच ने धार्मिक व्याख्यान, यात्रा वृत्तांत, पुरातात्विक उत्खनन रिपोर्ट, बाबरी मस्जिद के विध्वंस से पहले के फोटो और विवादित स्थल के नीचे मिले अवशेषों सहित 533 दस्तावेजों पर बारीकी से गौर किया।

Supreme Court referred to books in Sanskrit, Urdu, Persian, French in Ayodhya verdict
इन दस्तावेजों में गजेटियर और स्तंभों पर उकेरी गई लिखावट के अनुवादों का विश्लेषण किया। 10 जनवरी 2019 को शीर्ष अदालत ने अपनी रजिस्ट्री को रिकॉर्ड की जांच करने को कहा था और जरूरत पड़ने पर इसके लिए अधिकारियों और अनुवादक की मदद लेने को कहा था। इसने हालांकि, ऐतिहासिक संदर्भों पर कोई अनुमान व्यक्त करने को लेकर सतर्कता बरतते हुए कहा इतिहास को समझना एक ऐसा काम है जो खतरे से भरा हुआ है। इनकी व्याख्या करने में गलतियां हो सकती हैं।

बेंच ने अपने 1045 पेजों के फैसले में कहा कि, ऐतिहासिक रिकॉर्ड में स्पष्ट गैप है, जैसा कि हमने बाबरनामा में देखा है। अनुवाद अलग-अलग होते हैं और इसकी अपनी सीमाएं हैं। ऐतिहासिक दस्तावेजों में जो तथ्य उल्लिखित नहीं है, उसके बारे में अदालत को नकारात्मक अनुमान लगाने में बहुत सावधान रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 7 फरवरी, 2002 को याचिका नंबर 5 के याचिकाकर्ताओं के वकील ने अयोध्या विष्णु हरि मंदिर के शिलालेखों से संबंधित रिपोर्ट इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने पेश की थी, और कोर्ट के आदेश के बाद ई-स्टैम्पेज तैयार किया गया था।

फैसले के अनुसार 7 फरवरी 2002 को पांच नंबर के केस में याचिकाओं के वकील ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में अयोध्या विष्णु हरि मंदिर के शिलालेख संबंधित एक रिपोर्ट पेश की थी। कोर्ट के आदेश पर ई-स्टांपेज तैयार की गई और पुरालेखवेत्ता के द्वारा इसे समझा गया। अदालत ने मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में 16वीं सदी में लिखी गई आइने-अकबरी के अनुवाद का भी संदर्भ लिया। कोर्ट ने कहा कि फादर जोसेफ टेफेन्थैलर के यात्रा वृत्तांत को लैटिन से अंग्रेजी में अनुवाद किा गया और इसका अंग्रेजी अनुवाद कोर्ट में पेश किया गया, जिसपर मामले में दलील दे रहे वकीलों ने भी भरोसा किया। इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि मंदिर गिराए गए ढांचे के स्थान पर बनेगा औऱ मस्जिद के लिए अलग जगह दी जाएगी।

पश्चिम बंगाल में 'चक्रवात बुलबुल' का कहर, 10 लोगों की मौतपश्चिम बंगाल में 'चक्रवात बुलबुल' का कहर, 10 लोगों की मौत

Comments
English summary
Supreme Court referred to books in Sanskrit, Urdu, Persian, French in Ayodhya verdict
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X