मनी लॉन्ड्रिंग और ईडी के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आज
नई दिल्ली, 27 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुनाने वाला है। दरअसल जिस तरह से पिछले कुछ समय से प्रवर्तन निदेशालय सक्रिय नजर आ रहा है और अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ छापेमारी कर रही है उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ईडी की क्या शक्तियां हैं, उसके पास किसे गिरफ्तार करने का अधिकार है, वह किसे समन भेज सकती है और किसकी संपत्ति को जब्त कर सकती है, इन तमाम मसलों पर सुप्रीम कोर्ट अपना अहम फैसला सुनाएगा।
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच आज उस पूरे मामले पर अपना फैसला सुनाएगी। अहम बात यह है कि जस्टिस खानविलकर 29 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं, लिहाजा रिटायर होने से पहले उनका यह फैसला काफी अहम हो सकता है। जस्टिस खानविलकर की बेंच में जस्टिस सीटी रविकुमार और दिनेश माहेश्वरी भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में ईडी को लेकर जो याचिका दायर की गई है उसमे कहा गया है कि जांच एजेंसी अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल कर रही है। अपील की गई है कि जांच के दौरान ईडी को सीआरपीसी का पालन करना चाहिए और उसे इसका पालन करने के लिए बाध्य होना चाहिए।
ईडी के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। मनी लॉन्ड्रिंग कानून 2002 में तीन बार संशोधन किया गया है। इसमे 2005, 2009, 2011 में संशोधन किया गया है। इस कानून के तहत धन को छिपाना, संपत्ति का अधिग्रहण करना और संपत्ति का इस्तेमाल अपराध के लिए करना इत्यादि आथा है। बहरहाल देखने वाली बात है कि सुप्रीम कोर्ट ईडी और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर आज क्या फैसला सुनाता है।