उड़ीसा: भारत में बनी बैलेस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण
बालासोर। भारत ने गुरुवार को उड़ीसा के तट पर बैलेस्टिक मिसाइल शील्ड का सफल परीक्षण किया है। राज्य के तटीय जिले भद्रक में डीआरडीओ मे एपीजे अब्दुल कलाम आइसलैंड से एड्वांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) इंटरसेप्टर मिसाइल का परीक्षण। यह मिसाइल बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली के तहत विकसित की गई है। इस मिसाइल के सेना मे शामिल होते ही राजधानी दिल्ली की सुरक्षा और अधिक मजबूत हो जाएगी।
इस शील्ड की मदद से अब 40 किलोमीटर की रेंज में छिपे किसी भी दुश्मन को इस मिसाइल से निशाना लगाया जा सकता है। इस मिसाइल को विकसित करने का मुख्य मकसद वॉशिंगटन और मॉस्को की तरह दिल्ली को अभेद्य किले में तब्दील करना है।
मिसाइल को डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप के एकीकृत परीक्षण रेंज पर स्थित लॉन्चपैड संख्या-4 से सुबह 11 बजकर 24 मिनट पर लॉन्च की गई। बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली विकसित करने के प्रयासों के तहत विकसित यह मिसाइल दुश्मन की तरफ से आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। इस तकनीक को हासिल करने वाला भारत चौथा देश बन गया है। भारत के अलावा यह तकनीक अमेरिका, रूस और इजरायल के पास है।
2022 तक ये शील्ड भारत की सीमाओं की रक्षा करने के लिए तैयार होगी।इस परीक्षण के दौरान रडार, मॉनिटरिंग सिस्टम, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलिमेटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था। इंटरसेप्टर मिसाइल को 7.5 मीटर लंबे सॉलिड रॉकेट से छोड़ा गया। इस इंटरसेप्टर मिसाइल का अपना खुद का मोबाइल लांचर है। इसके अलावा स्वतंत्र ट्रैकिंग क्षमता होती है, इसमें सोफिस्टिकेटेड रडार होता है। इसमें इंटरसेप्शन के लिए सुरक्षित डाटा लिंक भी होता है। इससे पहले 16 जुलाई को भारत ने सफलतापूर्वक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्राह्मोस' का परीक्षण किया था।
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