BJP संसदीय बोर्ड से गडकरी को हटाने पर बोले स्वामी- 'अब चुनाव से नहीं, मोदी की मर्जी से होता है चयन'
नई दिल्ली, 18 अगस्त। 18 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड में बुधवार को बड़ा बदलाव किया गया है। संसदीय बोर्ड से नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है, जिसके बाद अलग-अलग तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके भाजपा की पुरानी परंपरा को याद दिलाया, जब पार्टी में सदस्यों का चयन चुनाव के आधार पर होता था। उन्होंने एक यूजर के जवाब में इस बात को भी माना कि अब पार्टी के भीतर लोकतंत्र खत्म हो गया है।
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चुनाव की परंपरा खत्म
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करके लिखा, शुरुआती दिनों में जनता पार्टी जोकि अब भारतीय जनता पार्टी है, पहले हमारे पास पार्टी थी, संसदीय पार्टी का चुनाव होता था, जिसके जरिए पदाधिकारियों का चयन होता था। पार्टी के संविधान के अनुसार ऐसा करना जरूरी होता था। लेकिन आज भाजपा में कोई चुनाव कहीं भी नहीं है। हर पद पर चयन नामांकन के आधार पर होता है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुमति लेनी होती है।
भाजपा में लोकतंत्र नहीं
दिलचस्प बात है कि जब एक यूजर ने ट्वीट करके पूछा पार्टी के भीतर ही कोई लोकतंत्र नहीं है, ऐसे में ये कैसे देश में लोकतंत्र को बचाएंगे, तो इसके जवाब में स्वामी ने लिखा आपको अब पता चला है। बता दें कि भाजपा का संसदीय बोर्ड पार्टी के अहम फैसले लेता है, लिहाजा इसकी महत्ता बहुत अधिक है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी का इससे बाहर किया जाना चौंकाने वाला है।
8 साल बाद बड़ा बदलाव
गौरतलब है कि पूरे 8 साल के बाद भाजपा के शीर्ष स्तर पर बड़े बदलाव किए गए हैं। माना जा रहा है कि यह बदलाव क्षेत्रीय संतुलन को साधने और जातिगत संतुलन को साधने के लिए किया गया है। भारतीय जनता पार्टी की यह परंपरा रही है कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष संसदीय बोर्ड में रहते हैं। पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह, पूर्व अध्यक्ष अमित शाह संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं। लेकिन लंबे समय के बाद नितिन गडकरी को इससे बाहर कर दिया गया है।