Kartarpur corridor पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कही ऐसी बात, पंजाब में मच गया बवाल
नई दिल्ली- बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर जो विवादास्पद बयान दिया है, उसपर पंजाब की राजनीति गर्म हो गई है। उन्होंने शनिवार को भारत-पाकिस्तान के बीच जारी करतारपुर कॉरिडोर पर काम रोकने की सलाह दी थी। लेकिन, अब उनसे पंजाब में शिरोमणि अकाली दल समेत सभी तरफ से बयान वापस लेने और माफी मांगने तक की मांग उठनी शुरू हो गई है। उन्होंने पाकिस्तान के हालिया रवैये को देखते हुए यह सुझाव दिया था।
माफी मांगें सुब्रमण्यम स्वामी- अकाली दल
करतारपुर कॉरिडोर का काम रोकने के बयान को लेकर एनडीए की घटक दल शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने भी सुब्रमण्यम स्वामी पर आपत्ति दर्ज कराई है। एसएडी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा एमपी सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी उनके बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने सुब्रमण्यम स्वामी से तुरंत बयान वापस लेने और तत्काल माफी मांगने को कहा है। बता दें कि इससे पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष गोबिंद सिंह लोगोवाल ने भी कहा था कि 'बीजेपी सांसद को ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि सिख 'खुले दर्शन दीदार' पूरा होने की प्रार्थना कर रहे हैं और बीजेपी के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं।' प्रतिष्ठित सिख सभा दमदामी टकसाल हरनाम सिंह खालसा के प्रमुख ने भी कहा कि उन्हें सिखों की धार्मिक भावना का ख्याल रखना चाहिए, जो पूरे विश्व में इसको लेकर आशांवित हैं। उन्होंने स्वामी के बयान के समय को लेकर भी सवाल उठाया।
सुब्रण्यम स्वामी ने क्या कह दिया?
चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में 'वैकेशन ऑफ पीओके' विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि, "सिख, जैन, बौद्ध भारत में उत्पन्न हुए जो कि एक हिंदू राज्य था।" उन्होंने ये भी बताया कि 1190 में इस्लाम के हमले से पहले कश्मीर एक हिंदू राज्य था। लेकिन, इसी मौके पर उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूद वर्तमान हालात को लेकर सलाह दे दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरिडोर का काम रुकना चाहिए, क्योंकि 'मौजूदा परिस्थितियों में पाकिस्तान के साथ काम करने की कोई जरूरत नहीं है।' उन्होंने कहा 'हमें अभी कॉरिडोर की आवश्यकता नहीं है। मैं नहीं कहता हूं कि जो बन चुका है उसे खत्म कर दिया जाय, लेकिन अभी यह रुक जाना चाहिए।' जब उनसे पूछा गया कि इससे सिखों की भावनाओं पर क्या असर पड़ेगा तो उन्होंने कहा था, 'सिख राष्ट्रवादी हैं और वे समझ जाएंगे। सिर्फ वही नहीं समझ पाएंगे जो खालिस्तान का समर्थन कर रहे हैं।
पाकिस्तान ने कहा है वक्त पर पूरा होगा काम
गौरतलब है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को कहा था कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बावजूद वे कॉरिडोर को तय समय पर खोलना चाहते हैं। उन्होंने भरोसा दिया था कि करतारपुर कॉरिडोर को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर खोला जाएगा और देश विदेश से आई संगत का स्वागत किया जाएगा। पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा भी कॉरिडोर को लेकर स्वामी के विचारों को खारिज कर चुके हैं। गौरतलब है कि रंधावा मंत्रियों के उस समूह में शामिल थे जो कॉरिडोर पर हो रहे काम की प्रगति देखने के लिए पाकिस्तान गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा है कि गुरु नानक का सम्मान सीमा के दोनों ओर होता है और यह एक भावनात्मक मुद्दा है, जिसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। इसलिए ऐसे बयानों से बचने की कोशिश करनी चाहिए।
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