भीमा कोरेगाव मामले में NCP का बड़ा फैसला, महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा- राज्य की SIT करेगी समानांतर जांच
मुंबई। उद्धव सरकार द्वारा कोरेगांव मामले में लिए गए फैसले से नाराज एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने अपनी पार्टी के सभी मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पार्टी के सभी मंत्रियों के साथ बैठक करके बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि राज्य सरकार SIT के माध्यम से भीमा कोरेगांव मामले की समानांतर जांच करेगी। SIT के गठन पर हमारे गृह मंत्री जल्द ही फैसला करेंगे।
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उल्लेखनीय है कि बैठक की बात शरद पवार के माध्यम से मीडिया में आते ही तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। दरअसल, भीमा कोरेगांव मामले की जांच एनआईए को देने के बाद से माना जा रहा है कि पवार नाखुश हैं। पहले कहा गया था कि भीमा कोरेगांव मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस करेगी लेकिन उसके बाद उद्धव ठाकरे ने एनआईए को इस मामले की जांच सौंपने का फैसला कर लिया था। इसके बाद से पवार और ठाकरे के बीच विवाद शुरू हो गया है।
क्या कहा था महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने
महाराष्ट्र के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने कहा था कि वह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंजूरी देने के लिए अपनी विवेकाधीन शक्तियों का इस्तेमाल किया। देशमुख ने कहा था कि अभी भी इस बात से सहमत हैं कि एनआईए को जांच सौंपने से पहले केंद्र को राज्य सरकार को विश्वास में लेना चाहिए था।
उन्होंने कहा था कि हमने पिछली सुनवाई में पुणे सत्र न्यायालय में यह स्पष्ट किया था। हालांकि, हमारे निर्णय को मुख्यमंत्री ने अपनी ताकत का इस्तेमाल करते हुए बदल दिया। महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने के कुछ समय बाद ही शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर इस मामले में एसआईटी से जांच कराने की मांग की थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
1 जनवरी 2018 को पुणे के भीमा कोरेगांव में दलित समाज के लोग पेशवा पर विजयी का सलाना जलसा मना रहे थे, इसी दौरान वहां पर हिंसा भड़क गयी, जिसमें एक युवक की जान चली गयी थी। बाद में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इस मामले में माओवादी कनेक्शन पर भी पुलिस को जांच करने का आदेश दिया। महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद इस मामले में फिर से जांच कराने की बात कही जा रही थी।
इसके अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कुछ पुलिस अधिकारियों पर भी सवाल उठाये थे, लेकिन अचानक से पुणे पुलिस ने इस मामले की जांच एनआइए को सौंप दी, जिसे शुरुआत में राज्य सरकार ने विरोध किया , लेकिन उद्धव ठाकरे ने हस्तक्षेप कर पूरे मामले को राज्य सरकार की ओर से भी जांच एनआइए को सौंपने का आदेश दे दिया। इसके बाद से ही एनसीपी और शिवसेना में तकरार जारी है।
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