Special AC Train: इन राज्यों की ओर जा रहे हैं तो 14 दिन क्वारंटीन के लिए तैयार रहिए
नई दिल्ली- देशभर में स्पेशल एसी ट्रेनों से सफर शुरू होने का आज तीसरा दिन है। पिछले दो दिनों में कई ऐसे यात्री ट्रेन में बैठ गए, जिन्हें मालूम ही नहीं था कि उन्हें अपने गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी घर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी और उन्हें 14 दिन तक क्वारंटीन फैसिलिटी में रहना होगा। लेकिन, गृहराज्य पहुंचने के बाद उनके पास कोई चारा नहीं रहा और उन्हें न चाहते हुए भी क्वारंटीन में जाना पड़ा। क्योंकि, केंद्र सरकार ने इसके लिए निर्धारित प्रोटोकॉल तय करने का जिम्मा राज्यों को ही दे रखा है। ऐसी ही स्थिति का सामना आज दिल्ली से स्पेशल एसी ट्रेन से बेंगलुरु पहुंचे कुछ यात्रियों को भी करना पड़ा, जिनके लिए पहले से ही क्वारंटीन में रखने का सरकारी इंतजाम किया जा चुका था। यह यात्रियों पर निर्भर था कि वह जेब ढीली करके सरकारी व्यवस्था वाले अच्छे होटलों में ठहरें या फिर बिना पैसे खर्च किए सरकारी क्वारंटीन सेंटर में जाएं।
क्वारंटीन सेंटर भेजे गए बेंगलुरु पहुंचे सभी यात्री
आज सुबह दिल्ली से करीब 1,000 यात्रियों को लेकर पहली स्पेशल एसी ट्रेन बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन पहुंची। स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग का इंतजाम पहले से किया गया था। एक वरिष्ठ रेलव अधिकारी के मुताबिक तय समय से 40 मिनट देर से पहुंची ट्रेन के यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने स्टेशन पर 10 चेक-अप काउंटर बनाए हैं। दक्षिण-पश्चिम रेलवे के जन संपर्क अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने तय किया है कि किसी भी यात्री को तब तक दूसरे के साथ संपर्क में नहीं आने दिया जाएगा, जब तक वह 14 दिन आइसोलेशन में न पूरा कर लें और उनका कोविड-19 टेस्ट निगेटिव न आ जाए। इन सभी यात्रियों को क्वारंटीन सेंटर तक बैंगलेर मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोर्शन की 15 बसों में बिठाकर ले जाया गया।
पैसे खर्च करने वाले होटलों में भी हो सकते हैं क्वारंटीन
बता दें कि बेंगलुरु के मैजेस्टिक रेलवे स्टेशन के आसपास ही 42 होटलों में 4,200 कमरे क्वारंटीन में रहने वालों के लिए बुक किए गए हैं। बेंगलुरु के शहरी जिला के डिप्टी कमिश्नर जीएल शिवमूर्ति ने एक वीडियो मैसेज में बताया है कि, 'हमनें रेलवे स्टेशन के आसपास 90 होटल रिजर्व कर लिए हैं। इसका इंतजाम क्वारंटीन के लिए किया गया है। जो पैसेंजर इन होटलों में रहना चाहते हैं, उन्हें इसका खर्च उठाना पड़ेगा। लेकिन, जो लोग होटलों में रहने का खर्च नहीं देना चाहते, उनके लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं।' उन्होंने साफ किया कि जो लोग भी बेंगलुरु आएंगे उनके लिए 14 दिन क्वारंटीन में रहना अनिवार्य है और उन्हें कोविड-19 टेस्ट से भी गुजरना होगा। यही नहीं स्थानीय लोगों को रेलवे स्टेशन के इलाके में फटकने तक की भी इजाजत नहीं दी जाएगी।
बिहार आने वाले यात्रियों के लिए होम क्वारंटीन जरूरी
वहीं स्पेशल एसी ट्रेनों से बिहार पहुंच रहे यात्रियों को पूरी स्क्रीनिंग के बाद घर जाने की इजाजत तो होगी लेकिन, उन्हे अनिवार्य तौर पर 14 दिनों के लिए होम क्वारंटीन रहने को कहा जाएगा। पटना के डीएम कुमार रवि ने कहा है कि स्पेशल ट्रेन से आने वाले सभी पैसेंजर की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद उसके हाथ पर होम क्वारंटीन का मुहर लगाया जाएगा और इसके पालन की हिदायत देकर स्टेशन से बाहर जाने दिया जाएगा। इन यात्रियों के लिए रेलवे का ई-टिकट ही पास का काम करेगा। यह पास 12 घंटे तक के लिए मान्य रहेगा। पटना से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए भी यही व्यवस्था होगी।
यूपी में लक्षण दिखने पर भेजे जाएंगे क्वारंटीन फैसिलिटी या फिर होम क्वारंटीन
यूपी में स्पेशल एसी ट्रेनों से आने वाले यात्रियों के बारे में अलग से कोई जानकारी नहीं है। फिलहाल वहां श्रमिक स्पेशल ट्रेनों वाली व्यवस्था ही फॉलो किए जाने की सूचना है। वैसे प्रशासन ने क्वारंटीन के लिए अपनी ओर से कुछ होटल भी चिन्हित कर रखे हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए वहां ये व्यवस्था है कि थर्मल स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें क्वारंटीन में भेजा जाता है और जिनमें लक्षण नहीं होते, उन्हें होम क्वारंटीन की हिदायत देकर घर भेज दिया जाता है।
एमपी में लक्षण दिखने पर भेजे जाएंगे क्वारंटीन फैसिलिटी
मध्य प्रदेश में यह व्यवस्था की गई है कि जिन यात्रियों में संक्रमण के लक्षण होंगे उन्हें क्वारंटीन सेंटर भेजा जाएगा। अगर कोई कोरोना संदिग्ध सरकारी क्वारंटीन में नहीं जाना चाहता तो उसके लिए चिन्हित होटलों में 14 दिन रहना अनिवार्य होगा, जिसका खर्चा वह खुद उठाएगा। क्वारंटीन पूरा होने पर उसका सैंपल जांच में भेजा जाएगा और निगेटिव होने पर उसे घर जाने दिया जाएगा।
दिल्ली में लक्षण नहीं दिखने पर घर जाने की इजाजत
दिल्ली आने वाले यात्रियों के लिए यह व्यवस्था है कि जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं मिलेंगे उन्हें ही घर जाने दिया जाएगा। लेकिन, जो कोरोना के लक्षण वाले होंगे उन्हें अस्पताल या क्वारंटीन सेंटर ही भेजा जाएगा। बाद में हालत के आंकलन के बाद उसके घर भेजने पर विचार किया जा सकता है।
असम में 14 दिन क्वारंटीन जरूरी
असम सरकार ने यह तय किया है कि स्पेशल एसी ट्रेनों से आने वाले हर यात्रियों को 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहना अनिवार्य होगा। इस दौरान सिर्फ उन्हीं लोगों का कोविड-19 टेस्ट करवाया जाएगा, जिनमें इसके लक्षण दिखाई देंगे।
झारखंड में रेड जोन से आने वालों को सरकारी क्वारंटीन
झारखंड सरकार ने रेड जोन से आने वाले यात्रियों को क्वारंटीन में रखने का फैसला किया है। जबकि, ऑरेंज और ग्रीन जो से आने वाले यात्रियों को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद होम क्वारंटीन में भेजा जाएगा। क्वारंटीन के लिए राज्य सरकार ने कुछ होटलों और गेस्ट हाउस का भी इंतजाम किया है, जिसका खर्च वहां रहने वालों को ही देना होगा। हालांकि, राजधानी रांची में सिर्फ रांची के लोगों को क्वारंटीन किया जाएगा, बाकी लोगों को इसके लिए उनके शहरों के क्वारंटीन सेंटर में भेजा जाएगा।
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