डोकलाम जैसी घटनाएं भविष्य में बढ़ सकती हैं, आर्मी चीफ ने जताई चिंता
नई दिल्ली। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि चीन भारत पर लगी अपनी सीमा पर ''यथास्थिति बदलने'' की कोशिश कर रहा है और डोकलाम क्षेत्र में जारी गतिरोध जैसी घटनाएं भविष्य में बढ़ने की संभावना है। रावत ने कहा कि 'चीन द्वारा डोकलाम में मौजूदा गतिरोध यथास्थिति बदलने की कोशिश है जिसके बारे में हमें चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है ऐसी घटनाओं के भविष्य में बढ़ने की संभावना है।' वह आज सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग द्वारा 'मौजूदा भू-सामरिक स्थिति में भारत की चुनौतियां' विषय पर जनरल बी सी जोशी स्मृति व्याख्यान दे रहे थे।
रावत ने कहा, ''विवाद और क्षेत्र को लेकर विवादित दावे जारी हैं। यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निर्धारण पर अलग-अलग धारणाओं के कारण हैं।''उन्होंने कहा कि चीन की सेना के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान भारतीय थल सेना यह बात कहती रही कि दोनों पक्षों को 16 जून से पहले की जगहों (गतिरोध शुरू होने से पहले) पर लौट जाना चाहिए लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला। उन्होंने कहा, ''अब यह कूटनीतिक और राजनीतिक स्तर पर हो रहा है क्योंकि इसे कूटनीति और राजनीतिक पहलों के जरिए सुलझाने की जरूरत है।''
उन्होंने कहा कि चीन की सशस्त्र सेनाओं ने, खासतौर से चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में सैनिकों को एकत्रित करने और अभियान चलाने की क्षमताओं में अहम प्रगति की है। मीडिया से बातचीत करते हुए रावत ने कहा कि ''वह पड़ोसी देश विशेष तौर पर पाकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और म्यामां में रक्षा और आर्थिक भागीदारी बढ़ा रहा है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की संप्रभुत्ता को चुनौती देता है।''