राफेल डील पर नई याचिका सुनने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- पहले से हैं कई याचिकाएं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच विवादास्पद राफले सौदे को लेकर एक नई याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व में तीन जजों की पीठ ने कहा है कि इस संबंध में पहले से ही कई सारी याचिका है ऐसे में एक नई याचिका सुनने की क्या जरूरत है। बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को केंद्र सरकार ने फ्रांसीसी कंपनी डेसॉल्ट एविएशन से 36 राफले लड़ाकू विमानों की खरीद के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी कोर्ट को दी है।
10 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने वकील एमएल शर्मा द्वारा पीआईएल की सुनवाई करते हुए राफेल सौदे के संबंध में निर्णय लेने का विवरण बंद लिफाफे में अदालत को देने का आदेश दिया गया था। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि फ्रांसीसी लड़ाकू विमान की खरीद राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है इसके राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। इसके बाद अदालत ने सरकार से कहा कि वो विमान सौदे से संबंधित जानकारी एक सील बंद लिफाफे में कोर्ट को सौपे।
सील
बंद
लिफाफे
में
दें
जानकारी
वही
सुनवाई
के
दौरान
एमएल
शर्मा
ने
विमान
की
कीमत
को
लेकर
अपनी
बात
रखी
थी
उन्होंने
कहा
कि
राफेल
की
कीमत
के
बारे
में
स्थिति
साफ
नहीं
हुई
है
कि
आखिर
में
ये
सौदा
हुआ
कितने
में
है।
सुनवाई
के
दौरान
चीफ
जस्टिस
ने
अटॉर्नी
जनरल
से
कहा
था
कि
सरकार
से
कहिए
कि
वो
इस
सौदे
की
जानकारी
कोर्ट
के
दे
ताकि
स्थिति
साफ
हो
सके।
कोर्ट
ने
कहा
कि
हम
यह
साफ
कर
दें
कि
हमने
याचिका
में
लगाए
गए
आरोपों
का
संज्ञान
नहीं
लिया
है।
यह
आदेश
केवल
यह
सुनिश्चित
करने
के
लिए
है
कि
फैसला
लेने
में
पूरी
प्रक्रिया
का
पालन
किया
गया।
हम
इसकी
कीमत
या
फिर
इसकी
उपयोगिता
के
बारे
में
नहीं
पूछ
रहे
हैं।
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