आम्रपाली मामला: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, होमबॉयर्स को पजेशन देने में देर हुई तो जाना होगा जेल
नई दिल्ली। आम्रपाली में घर खरीदने वालों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को निर्देश दिया है कि वे परेशान होम बायर्स को फ्लैटों का रजिस्ट्रेशन शुरू करें। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने दोनों प्राधिकरणों के अधिकारियों को चेतावनी भी दी है कि यदि खरीदारों को फ्लैटों का कब्जा देने में उनकी तरफ से कोई देरी हुई तो दोनों प्राधिकरणों के अधिकारियों को जेल भी जाना पड़ सकता है।
बता दें कि पिछले महीने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह की लंबित परियोजनाओं को लेकर बैंकों, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों को कंपनी के अचल संपत्ति में हुई गड़बड़ी के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने आम्रपाली के रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) पंजीकरण को रद्द करते हुए शीर्ष अदालत ने राज्य द्वारा संचालित एनबीसीसी को आम्रपाली समूह की लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कहा था।
इसके बीच एनबीसीसी ने अधूरे फ्लैंटों के निर्माण को पूरा करने के लिए 7.5 करोड़ रुपए मांगे हैं। इसके बाद कोर्ट ने रॉयल गोल्फ को अदालत ने 50 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया। जबकि बैंकों की याचिका पर फिलहाल सुनवाई नहीं होगी। बता दें कि होमबायरों ने आम्रपाली समूह की परियोजनाओं में बुक किए गए लगभग 42,000 फ्लैटों पर कब्जे की मांग करते हुए कई याचिकाएं दायर की थी।
इसके अलावा पिछले महीने कोर्ट ने प्रवर्थन निदेशालय को आम्रपाली समूह के निदेशकों और प्रमोटरों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया। इससे पहले कोर्ट ने आम्रपाली के सीएमडी और निदेशक शिव प्रिया और अजय कुमार की व्यक्तिगत संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया था।
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