किसान आंदोलन: प्रदर्शन स्थल पर पक्के मकान को लेकर बोला संयुक्त किसान मोर्चा- नहीं होना चाहिए
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 106 दिनों से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान धरने पर बैठे हैं। इस दौरान दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों ने पक्का निर्माण करना शुरू कर दिया। आंदोलनरत किसानों के पक्के मकान बनाने की खबरें और इसकी तस्वीरें मीडिया में आने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने इस पर सफाई दी है। किसान मोर्चा ने धरनास्थल पर पक्के निर्माण को गलत बताया है।
किसानों के धरने को लेकर विभिन्न किसान संगठनों द्वारा मिलकर बनाए गए संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि 12 मार्च को पंजाब की 32 किसान यूनियनों ने मिलकर यह निर्णय लिया है कि प्रदर्शनकारियों को प्रदर्शन स्थलों पर किसी भी तरह का स्थायी निर्माण नहीं करना चाहिए।
15
मार्च
को
बड़ा
कार्यक्रम
मोर्चा
ने
बताया
कि
हमारे
कई
सारे
नेता
असम,
पश्चिम
बंगाल
में
चुनाव
हो
रहे
हैं,
वहां
बीजेपी
को
दंडित
करने
का
एक
नारा
लेकर
गए
हुए
हैं।
इसके
साथ
ही
हम
दिल्ली
की
सीमाओं
पर
अपना
आंदोलन
जारी
रखे
हुए
हैं।
इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 15 मार्च को देश की 10 ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर संयुक्त किसान मोर्चा पूरे देश में कॉरपोरेट और प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ कार्यक्रम करेंगे। देशभर में जगह-जगह किसान पीएम मोदी के नाम मांग पत्र देंगे जिसमें तीन कृषि कानून को वापस लेने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही तेल की बढ़ी कीमतों को कम करने की मांग भी होगी।
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