अमित शाह के साथ 'दुश्मनी' के सवाल क्या बोले प्रशांत किशोर
नई दिल्ली। नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी माने जा रहे जनता दल यूनाइटेड के नंबर दो नेता प्रशांत किशोर और अमित शाह के बीच रिश्ते अच्छे नहीं माने जाते। चुनावी रणनीतिकार के तौर पर बीजेपी से शुरुआत करने वाले प्रशांत किशोर और बीजेपी अध्यक्ष एक समय नरेंद्र मोदी की छवि चमकाने के लिए साथ काम करते थे। बाद में प्रशांत किशोर ने क्रेडिट न मिलने की वजह से नीतीश कुमार का दामन थाम लिया। रिश्तों में तल्खी को लेकर न तो अमित शाह ने कभी कुछ कहा और न ही प्रशांत किशोर ने। हाल में प्रशांत किशोर ने एक अंग्रेजी चैनल के पत्रकार को दिया इंटरव्यू दिया तो यही सवाल उनके सामने रखा गया। प्रशांत किशोर ने इस सवाल के जवाब में कहा, 'मैं अदना सा आदमी हूं, उनसे मेरी क्या तुलना।'
प्रशांत किशोर बोले- अस्तित्व बचाने के लिए ज्वॉइन की जदयू, अमित शाह से मुकाबले के लिए नहीं
अमित शाह के साथ खराब संबंधों के सवाल प्रशांत ने कहा, 'यह सब मीडिया के दिमाग की उपज है। मैं अमित शाह से अपनी तुलना कैसे कर सकता हूं।' इस पर पत्रकार ने उनसे पूछा कि आपने जदयू क्यों ज्वॉइन की तो प्रशांत किशोर ने कहा कि अस्तित्व बचाने के लिए, लेकिन जदयू ज्वॉइन करने का मकसद अमित शाह का मुकाबला करना नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा, 'वह (अमित शाह) वरिष्ठ नेता हैं, एक बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, देश में वह नंबर 2 हैं, मैं उनसे अपनी तुलना कैसे कर सकता हूं।'
मोदी लेकर आए थे प्रशांत किशोर को राजनीति में
प्रशांत किशोर एक जमाने में पश्चिम अफ्रीकी देश चाड में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन को हेड कर रहे थे। इस दौरान प्रशांत किशोर ने एक डॉक्यूमेंट तैयार किया, जिसका विषय था आर्थिक समृद्धि और कुपोषण। यह डॉक्यूमेंट तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास भेजा गया। बात साल 2010 की है। प्रशांत किशोर का यही डॉक्यूमेंट आया तब के गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी के सामने आया। इसके बाद मोदी ने उन्हें कॉफी पर बुलाया और प्रशांत किशोर उनके लिए काम करने लगे।
नरेंद्र मोदी के कैंपेन के पीछे था प्रशांत किशोर का दिमाग
2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान बच्चे-बच्चे की जुबां पर बीजेपी के कई नारे थे। प्रशांत किशोर ने 2014 लोकसभा चुनावों में मोदी के लिए नए-नए सफलता के मंत्र दिए। मोदी की लोकप्रिय 3डी रैलियां, चाय पे चर्चा, मोदी सेल्फी समेत कई ऐसी चीजें प्रशांत किशोर ने चुनावी कैंपेन में शामिल कीं, जिन्हें भारतीय राजनीति में पहले न किसी ने देखा और न सुना। इतना सब करने के बाद भी प्रशांत किशोर बीजेपी में पर्दे के पीछे ही रहे। उन्हें क्रेडिट नहीं मिला, माना जाता है कि इसकी वजह अमित शाह रहे और इसी वजह से प्रशांत किशोर ने बीजेपी से किनारा कर लिया.
अब बीजेपी के लिए ही चुनौती बन गए हैं प्रशांत किशोर
जदयू ज्वॉइन करने के एक महीने बाद ही नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर का प्रमोशन कर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया। इस समय नीतीश कुमार 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ सीट बंटवारे को लेकर बातचीत कर रहे हैं। माना जा रहा है प्रशांत किशोर ही अब सीट बंटवारे को लेकर रणनीति बना रहे हैं। इतना ही नहीं, मध्य प्रदेश में जदयू 150 उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं। यहां बीजेपी के लिए चौथी बार सत्ता बचाने की चुनौती है। यहां तक पिछले दिनों जब नीतीश कुमार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ सीट बंटवारे पर बात करने गए थे, तब प्रशांत किशोर भी उनके साथ थे। इसके अलावा बिहार के लिए भी चुनावी कैंपेन पर प्रशांत किशोर काम कर रहे हैं।