SC/ST Protection Act पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी सरकार
नई दिल्ली। SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया था कि एससी -एसटी एक्ट में भी तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी। यह आदेश उन आंकड़ों के आधार पर दिया गया था जिसमें पाया गया था कि बड़ी संख्या में इस एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है। उच्चतम न्यायालय ने गिरफ्तारी से पहले प्राथमिक जांच-पड़ताल के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी से पहले मिलने वाली जमानत की रुकावट को भी खत्म कर दिया था। ऐसे में दुर्भावना के तहत दर्ज कराए गए मामलों में अब अग्रिम जमानत भी मिल सकेगी। विपक्ष ने तत्काल इसे राजनीतिक रंग देते हुए जिम्मा सरकार पर फोड़ा था।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट ने कर यह जानकारी दी कि सरकार इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि - 'अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति संरक्षण अधिनियम पर एससी के फैसले के खिलाफ सरकार द्वारा समीक्षा याचिका कल, सकारात्मक, सोमवार 2 अप्रैल को दर्ज की जाएगी।'
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक दलों ने भारतीय जनता पार्टी पर करार हमला किया था। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में संसद परिसर में जहां विरोध प्रदर्शन किया वहीं बसपा, सपा समेत तमाम क्षेत्रीय दलों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया।
2 अप्रैल को ही कई संगठनों की ओर से भारत बंद का ऐलान भी किया गया है। हालांकि भारत बंद पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि जब सरकार इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल करने जा रही है तो आखिर इस बंद का औचित्य क्या है?
बता दें कि SC/ST एक्ट पर फैसला देने का साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के आरक्षण से क्रीमीलेयर को बाहर करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस मसले पर केंद्र को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। हालांकि केंद्र ने कोर्ट के सामने अपनी दलील में कहा था कि एससी-एसटी की मौजूदा रिजर्वेशन पॉलिसी में क्रीमीलेयर का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है। मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
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