13 मार्च को पश्चिम बंगाल में किसानों से मिलेंगे टिकैत, भाजपा की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिये जाए तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।
नई दिल्ली। किसान नेता राकेश टिकैट ने रविवार को कहा कि वह 13 मार्च को चुनावी राज्य पश्चिम बंगाल जाएंगे और कृषि कानूनों के मुद्दे पर वहां के किसानों से मिलेंगे। उनके इस फैसले से भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राकेश टिकैत ने कहा, 'सरकार कोलकाता जा चुकी है। इसलिए हम भी 13 मार्च को कोलकाता जाएंगे और किसानों से बातचीत करेंगे।'
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिये जाए तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को 100 दिन पूरे होने को लेकर मुजफ्फरनगर के रामराजन में उन्होंने ये बातें कहीं। उन्होंने शनिवार को कहा कि किसान सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और जब तक ये मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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उन्होंने इस दौरान एक टैक्टर रैली को भी हरी झंडी दिखाई जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के जिलों में भ्रमण के बाद 27 मार्च को गाजीपुर में धरना स्थल पर पहुंचेगी। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान ने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों से किसानों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यदि कानूनों की वजह से किसी भी किसान की जमीन उससे छिनी तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने आगे कहा कि किसानों की इच्छा के अनुसार तीनों कानून बनाए गए हैं।
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मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल के नवंबर से हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों को डर है कि ये कानून एमएसपी को खत्म कर देंगे और उनके हालात बद से बदतर हो जाएंगे। वहीं, इसके विपरीत केंद्र सरकार का कहना है कि इन कृषि कानूनों से किसानों को अच्छे अवसर मिलेंगे उनकी स्थिति में सुधार होगा।