वायुसेना के पहले स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर से रक्षा मंत्री ने भरी उड़ान, शेयर किया Video
नई दिल्ली, 03 अक्टूबर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को वायुसेना के बेड़े में शामिल भारत निर्मित नए लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) से उड़ान भरी। इस दौरान उन्होंने स्वयं लड़ाकू हेलीकॉप्टर की सुविधाओं का अनुभव किया। रक्षा मंत्रायलय ने इसका वीडियो शेयर किया और कैप्शन में लिखा, "प्रचंड"।
भारत निर्मित हेलिकॉप्टरों के नए बैच का लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर वायुसेना में शामिल हो चुका है। सोमवार को जोधपुर में भारतीय वायुसेना के एक समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे। जहा उन्होंने लाइट लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'प्रचंड' से उड़ान भरी। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इससे पहले राफेल लड़ाकू जेट समेत कई लड़ाकू विमानों की उड़ानें भर चुके हैं।
प्रचंड से उड़ान के अनुभव को साझा करते हुए रक्षामंत्री ने इसे सुगम और आरामदायक बताया। उन्होंने कहा, "यह स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) में एक सहज और आरामदायक उड़ान थी। ये हेलीकॉप्टर किसी भी इलाके, मौसम और ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम है। इसमें हमला करने की क्षमता है।"
#WATCH | Defence Minister Rajnath Singh takes sortie in Light Combat Helicopter (LCH) ‘Prachand’ at Jodhpur airbase pic.twitter.com/0EKr4m6p6x
— ANI (@ANI) October 3, 2022
जोधपुर में वायुसेना का कार्यक्रम में पहुंचे रक्षा मंत्री को एलसीएच पर सवार होने से पहले फ्लाइंग गियर पहने देखा गया। हेलीकॉप्टर में रक्षा मंत्री अपने सह-पायलट के साथ लड़ाकू हेलीकॉप्टर के कॉकपिट में चढ़ गए।
वायु सेना में 'प्रचंड' हेलिकॉप्टरों को शामिल करने से इसकी युद्ध क्षमता में काफी वृद्धि हुई है। ये हेलिकॉप्टर बहुत ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम हैं और कई मिसाइलों से लैस हैं। हेलीकॉप्टर का परीक्षण लद्दाख क्षेत्र में किया गया है, जहां भारत चीनी घुसपैठ के खतरे का सामना कर रहा है। यह हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ चीनी ड्रोन को बाहर निकालने और हवा से सतह पर मार करने वाले हथियारों से जमीन पर टैंकों को निशाना बनाने की क्षमता रखता है।
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अधिकारियों ने बताया कि लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर में कई स्टील्थ फीचर्स, आर्मर्ड-प्रोटेक्शन सिस्टम, रात में हमले की क्षमता के साथ क्रैश-योग्य लैंडिंग गियर हैं। यह लड़ाकू खोज और बचाव (सीएसएआर), दुश्मन की वायु रक्षा (डीईएडी) को नष्ट करने और आतंकवाद विरोधी (सीआई) सहित कई भूमिकाओं को निभाने के लिए आवश्यक टेक्नोलॉजी से लैस है। इसे एयरोस्पेस प्रमुख हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित किया गया है।