किंग्सवे से कर्तव्य पथ तक: 5 प्वाइंट में जानिए कैसे PM मोदी देश को औपनिवेशिक अतीत से कर रहे आजाद
नई दिल्ली, 06 सितंबर। मोदी सरकार ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन से नई दिल्ली में इंडिया गेट तक फैले राजपथ और सेंटर विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने का ऐलान किया है। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान राजपथ को किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। केंद्र ने कहा कि इस कदम को औपनिवेशिक युग से जुड़ी यादों को दूर करने के उद्देश्य उठाया गया है। आपको बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ब्रिटिश शासनकाल के किसी भी जगह के नाम को बदला गया है। इससे पहले भी पीएम मोदी की तरफ से दिल्ली सहित कई जगहों का नाम बदला गया है। जो इस प्रकार हैं....
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रेसकोर्स का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग
वर्ष 2016 में मोदी सरकार ने रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग कर दिया था। ब्रिटिश युग के रेस कोर्स रोड का नाम दिल्ली रेस कोर्स के नाम पर रखा गया था, जो दिल्ली रेस क्लब का हिस्सा था। इसे 1940 में स्थापित किया गया था। इस रोड का नाम भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की तरफ से नई दिल्ली नगर निगम को पत्र लिखे जाने के बाद किया गया था। पत्र में कहा गया था कि जिस सड़क पर पीएम रहते हैं, उसे बदल दिया जाए, ताकि सड़क का नाम भारतीय संस्कृति से मेल खा सके। इसके कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री के आवास का एड्रेस बदलकर लोक कल्याण मार्ग हो गया।
किंग जॉर्ज पंचम की जगह नेताजी ने ली
इस साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने नई दिल्ली में इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया। 28 फीट लंबी होलोग्राम प्रतिमा एक छत्र के नीचे स्थापित की गई थी, जो 1968 से किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को हटाए जाने के बाद से खाली थी। यह होलोग्राम प्रतिमा ग्रेनाइट से बनी नेताजी की 25 फुट लंबी प्रतिमा के लिए एक प्लेसहोल्डर है। होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि देश आजादी के बाद की गई गलतियों को सुधार रहा है। क्योंकि पिछली सरकारों की तरफ से आजादी के बाद देश की विरासत और संस्कृति के साथ-साथ "कई महान हस्तियों" के योगदान को मिटाने का प्रयास किया गया था।
एबाइड विद मी की जगह ऐ-मेरे वतन के लोगों की धुन
2022 में गणतंत्र दिवस के दौरान बीटिंग रिट्रीट समारोह में 'एबाइड विद मी' के समापन समारोह को प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की तरफ से गाए गए 'ऐ मेरे वतन के लोगों' से बदल दिया गया था। ऐसे में अब बीटिंग रिट्रीट समारोह में यही गाना बजता है। 'एबाइड विद मी' एक ईसाई भजन है। इसकी 1950 से ही सैन्य बैंड में एक नियमित विशेषता रही है। इस गीत को सैन्य बैंड से हटाने के बाद सरकारी सूत्रों ने कहा था कि इसे बीटिंग रिट्रीट समारोह से बाहर रखा गया था क्योंकि सरकार "अधिकतम संख्या में भारतीय धुनों" को शामिल करना चाहती है। ऐ मेरे वतन के लोगों एक भारतीय गीत है। इस गीत में भारत की सुरक्षा के लिए अपनी जान गंवाने वाले वीरों का जिक्र किया गया है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम भी बदला गया
दिसंबर 2018 में पीएम मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की किताब के एक पेज को आधार मानकर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के तीन द्वीपों का नाम बदल दिया। सुभाष चंद्र बोस कि किताब के मुताबिक 1943 में बोस ने सुझाव दिया था कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम क्रमशः शाहिद और स्वराज द्वीप रखा जाए। ऐसे में पीएम मोदी ने तीनों द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप, हैवलॉक द्वीप और स्वराज द्वीप कर दिया।
नौसेना के नए ध्वज का अनावरण
2 सितंबर 2022 को विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को चालू करते हुए पीएम मोदी ने मराठा शासक छत्रपति शिवाजी से प्रेरित नए नौसेना ध्वज का भी अनावरण किया। नए भारतीयकृत नौसैनिक ध्वज ने औपनिवेशिक सेंट जॉर्ज क्रॉस को एक नीले अष्टकोणीय आकार के साथ बदल दिया, जिसमें राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक की शेर राजधानी, 'सत्यमेव जयते' के साथ अंकित) एक लंगर के ऊपर बैठा था। ध्वज बदलने के बाद प्रधान मंत्री ने कहा कि इस सुधार ने गुलामी के निशान को हटा दिया है। हमने आज औपनिवेशिक अतीत को त्याग दिया है।