अग्निपथ योजना: युवाओं से हिंसक प्रदर्शन न करने की अपील, रेल मंत्री बोले- रेलवे की संपत्ति को न पहुंचाएं नुकसान
केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' के विरोध में युवा सड़क पर उतर आए हैं। देश के कई राज्यों में इसका विरोध किया जा रहा है।
नई दिल्ली, 17 जून : केंद्र सरकार की 'अग्निपथ योजना' के विरोध में युवा सड़क पर उतर आए हैं। देश के कई राज्यों में इसका विरोध किया जा रहा है। हिंसक प्रदर्शन करते हुए युवाओं ने कई ट्रेनें फूंक दीं। ट्रेन के कई कोचों में आग लगा दी। साथ ही रेलवे संपत्ति को भारी क्षति पहुंचाई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को युवाओं से हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल न होने की अपील की। उन्होंने युवाओं से कहा कि रेलवे की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं। रेलवे देश की संपत्ति है।
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वहीं, सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर हिंसक प्रदर्शन में एक युवक की मौत भी हो गई। साथ ही कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, शुक्रवार को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर गुस्साई भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने फायरिंग की थी।
कई राज्यों में हो रहा इस योजना का विरोध
हालांकि, 'अग्निपथ' को लेकर हो रहे भारी विरोध के बीच मोदी सरकार ने इसमें एक बड़ा बदलाव किया है। दरअसल, सरकार ने इस योजना के तहत सेना में भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा को पहले वर्ष 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दिया है। मोदी सरकार ने दो दिन पहले ही सेना में भर्ती के लिए इस योजना का ऐलान किया था, लेकिन देश के युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए और देश के करीब 8-10 राज्यों में इस योजना के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन होने लगे।
क्या है अग्निपथ योजना
सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की शुरुआत मंगलवार को की थी। इस योजना के तहत एक तरह से कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर 4 साल के लिए की जाएगी। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु पहले 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच थी, लेकिन अब सरकार ने अधिकतम उम्र सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 कर दिया है। इस योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले जवानों को 'अग्निवीर' कहा जाएगा।