लक्षद्वीप विवाद पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी, कहा- मामले में हस्तक्षेप कर नियमों को वापस कराएं
केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए नए नियमों के मसौदे की जमकर आलोचना हो रही है।
नई दिल्ली, 27 मई। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में बनाए गए नए नियमों के मसौदे की जमकर आलोचना हो रही है। नए नियमों के चलते लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए हैं। नए नियमों का विरोध जताते हुए गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी और उनसे मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कहा।
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उन्होंने चिट्ठी में लिखा कि, 'लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता और संस्कृति वर्षों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है। इसकी विरासत के संरक्षक भावी पीढ़ी के लिए द्वीपसमूह की रक्षा करना चाहते हैं, लेकिन इनके भविष्य को यहां के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल द्वारा हाल ही में घोषित की गईं जनविरोधी नीतियों से खतरा है। वह इन नियमों को बिना किसी से विचार विमर्श किए एकतफा जनता पर थोपना चाहते हैं। जनता पटेल के मनमाने कदम के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं।'
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उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से स्थानीय लोगों और द्वीप के भविष्य को खतरा हो सकता है इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि इस मामले में अपना हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें की ये नियम वापस लिये जाएंगे। लक्षद्वीप के लोगों को जीवन में प्रगति के लिए एक विकास संबंधी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
क्या
है
पूरा
मामला
मालूम
हो
कि
लक्षद्वीप
सरकार
ने
हाल
ही
में
नए
नियमों
का
ड्रॉफ्ट
नोटिफिकेशन
जार
किया
है।
जबकि
वहां
की
आम
जनता,
पंचायत
और
सांसदों
का
कहना
है
कि
ये
नोटिफिकेशन
नियमों
को
ताक
पर
रखकर
और
चुने
हुए
प्रतिनिधियों
की
सलाह
के
बिना
लिये
गए
हैं।
इन नियमों में बीफ बैन, पंचायत चुनाव में उन लोगों के लड़ने पर पाबंदी जिनके दो से अधिक बच्चे हैं, लोगों की गिरफ्तारी और भूमि अधिग्रहण से जुड़े नए नियम शामिल है। वहां के स्थानीय लोग इनका जमकर विरोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि ये नए नियम अभी कानून नहीं बने हैं। गृह मंत्रालय की अनुमति मिलने पर ये कानून की शक्ल ले लेंगे।
प्रफुल्ल
पटेल
को
पद
से
हटाने
की
मांग
नए
नियमों
के
लिए
प्रदेश
के
स्थानीय
लोग
प्रशासक
प्रफुल्ल
पटेल
को
पद
से
हटाने
और
इन
नियमों
को
वापस
लेने
की
मांग
कर
रहे
हैं।
प्रफुल्ल
पटेल
ने
किया
आरोपों
से
इंकार
वहीं
लक्षद्वीप
के
प्रशासक
प्रफुल्ल
पटेल
ने
तमाम
आरोपों
से
इंकार
करते
हुए
कहा
कि
ये
प्रावधान
इलाके
के
विकास
और
स्मार्ट
सिटी
प्रोजेक्ट
के
लिए
बनाए
गए
हैं
और
नियमों
का
ड्रॉफ्ट
बनाते
समय
सभी
नियमों
का
पालन
किया
गया
है।
उनहोंने
कहा
कि
सरकार
के
फैसले
का
केवल
वही
लोग
विरोध
कर
रहे
हैं
जिनका
कोई
निहित
स्वार्थ
है।