राहुल गांधी के विमान हादसे की जांच में आई बड़ी बात सामने, कमेटी दो हफ्ते में देगी रिपोर्ट
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नई दिल्ली राहुल गांधी के विमान में हाल ही में आई खराबी के बाद इस मामले की डीजीसीए ने जांच के आदेश दे दिए थे। जांच में यह निकलकर सामने आया है कि विमान के हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आ गई थी। विमान के ऑटो पायलट सिस्टम के हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी आने की वजह से विमान ऑटो मोड पर नहीं जा पाया था। यह खराबी उस वक्त आई थी जब राहुल गांधी का चार्टर्ड प्लेन नई दिल्ली से हुबली जा रहा था।
मैन्युअली कराया गया था लैंड
यह विमान फॉल्कन 2000 का है जोकि रेलिगेयर एविएशन कंपनी का है। विमान ने जब उड़ान भरी तो उसके कुछ ही देर बाद उसमे कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद इसे मैन्युअली लैंड कराया गया था। विमान तीसरी बार में लैंड कर सका था। इस घटना के बाद कांग्रेस ने इसके पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए इसकी शीर्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। खुद राहुल गांधी ने जनसभा के दौरान कहा कि उस वक्त मुझे ऐसा लगा कि सबकुछ खत्म हो गया है।
पैनल का गठन
डीजीसीए के ज्वाइंट डायरेक्टर जनरल ललित गुप्ता ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए दो सदस्यों का पैनल गठित किया गया है। इसमे एक सदस्य डायरेक्टोरेट ऑफ एयर सेफ्टी का है जबकि दूसरा सदस्य डायरेक्टोरेट एयरवर्दीनेस का है। पैनल से कहा गया है कि वह अपनी रिपोर्ट को दो या तीन हफ्ते के भीतर सबमिट करें। इस मामले में कॉकपिल क्रू व इंजीनियर से पूछताछ की गई है। माना जा रहा है कि कमेटी ऑपरेशन स्टाफ से भी जल्द ही पूछताछ करेगी इस बात की जांच करेगी कि क्या विमान के रखरखाव में कोई गड़बड़ी हुई है।
सामान्य नहीं है ऑटो पायलट मोड का काम नहीं करना
डीजीसीए के अधिकारी ने विमान में तकनीकी खराबी की बात की पुष्टि करते हुए कहा कि विमान के ऑटो पायलट मोड में कुछ दिक्कत थी, कई बार प्रयास करने के बाद भी जब यह काम नहीं किया तो विमान को मैन्युअली सुरक्षित लैंड कराया गया। ऑटोपायल मोड का काम नहीं करना सामान्य बात नहीं है, ऐसे में इसकी जांच की जरूरत है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जो कुछ इस विमान में हुआ है वह बहुत बड़ी तकनीकी खराबी है। डीजीसीए को एक शिकायत भेज दी गई है, साथ ही इसमे कहा गया है कि इस घटना के पीछे साजिश भी हो सकती है। विमान के पायलट और विमान को उड़ान भरने से रोक दिया गया है, जबतक कि इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती है।