SAARC Summit पर लगातार दूसरे साल ग्रहण, भारत के साथ खड़े पड़ोसी देश
मंत्रिस्तरिय बातचीत में आतंकवाद का मुद्दे पर चर्चा हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मुलाकात के दौरान पाक ने फिर सम्मेलन की मेजबानी का मुद्दा उठाया था।
नई दिल्ली। सार्क देशों के सम्मेलन पर इस साल फिर से संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में इसे लेकर किसी तरह की चर्चा की खबर नहीं है। जानकारी के अनुसार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सार्क देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी लेकिन सार्क सम्मेलन को लेकर बात नहीं हुई है।
मंत्रिस्तरीय बातचीत में आतंकवाद का मुद्दे पर चर्चा हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मुलाकात के दौरान पाक ने फिर सम्मेलन की मेजबानी का मुद्दा उठाया लेकिन एक प्रतिनिधि ने कहा कि यह सम्मेलन के लिए सही समय नहीं है। इस बात पर वहां मौजूद सभी लोगों ने सहमति जताई। वास्तव में सभी लोगों ने इस बात पर सहमति जताई कि जब तक स्थिति नहीं सुधरती है, पाकिस्तान को सार्क बैठक की मेजबानी नहीं करनी चाहिए।
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आपको बता दें कि 2016 में पाकिस्तान को सार्क देशों की मेजबानी करनी थी। लेकिन, भारत के समिट में भाग न लेने के फैसले के बाद बांग्लादेश, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने का मुद्दा उठाते हुए सार्क बैठक से खुद को अलग कर लिया था। इसके बाद सार्क बैठक रद्द कर दी गई। हालांकि इस साल भी इस तरह की कोई पहल नहीं दिख रही, जिसके आधार पर कहा जा सके कि सार्क बैठक होगी। आम तौर सार्क समिट का आयोजन नवंबर महीने में होता है।