पंजाब विधानसभा चुनाव 2017: मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के गांव में छाए आम आदमी पार्टी के झंडे
प्रकाश सिंह बादल के गांव का नाम बादल है, जहां इस बार आम आदमी पार्टी के झंडे देखने को मिले हैं। बादल गांव, पंजाब के मालवा इलाके में आता है। ये इलाका देखने में वीआईपी अहसास कराता है।
मुक्तसर। पंजाब में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां काफी तेज हैं। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब सभी सियासी दल मतदाताओं को रिझाने की कवायद में जुटे हुए हैं। बात अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र की करें तो बादल लांबी से चुनाव मैदान में उतरे हैं। जहां उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के कैप्टन अमरिंदर सिंह और आम आदमी पार्टी के नेता जरनैल सिंह से है। इस बार मुकाबला इसलिए कांटे का लग रहा है क्योंकि प्रकाश सिंह बादल के मुकाबले में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बड़े उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसका असर भी दिखने लगा है।
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लांबी विधानसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर के आसार
बात अगर प्रकाश सिंह बादल के गांव की करें तो यहां एक बेहद चौंकाने वाली बात देखने को मिली है। प्रकाश सिंह बादल के गांव का नाम बादल है, जहां इस बार आम आदमी पार्टी के झंडे देखने को मिले हैं। बादल गांव, पंजाब के मालवा इलाके में आता है। ये इलाका देखने में वीआईपी अहसास कराता है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का गांव होने का अहसास यहां साफ नजर आता है। इस गांव में चार लेन की सड़क है। आधुनिक मल्टी-स्पोर्ट स्टेडियम, सिविल अस्पताल, वृद्धाश्रम, जगह-जगह पर पानी के नल, बच्चों के लिए इलाके में कई स्कूल हैं।
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बादल गांव में दिख रहा AAP का असर
बादल गांव के ज्यादातर ग्रामीण दशकों से बादल परिवार के वफादार बताए जा रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक अकाली नेता तेजिंदर सिंह मिद्दूखेरा इस गांव के मुखिया हैं। ये इलाका लांबी विधानसभा सीट में आता है। बताया जा रहा है कि यहां के लोग हमेशा से पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के समर्थक रहे हैं। हालांकि इस बार के चुनाव में कई घरों में आम आदमी पार्टी के झंडे नजर आ रहे हैं। इस मामले पर मिद्दुखेरा ने बताया कि भले ही आप के झंडे कुछ घरों में दिख रहे हों लेकिन गांव का वोट हमेशा से प्रकाश सिंह बादल को ही जाता रहा है। उन्होंने इलाके के लिए बहुत कुछ किया है। उनके किए गए विकास को सभी ने देखा है।
युवाओं में दिख रही प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ नाराजगी
इस बार कुछ युवाओं में बादल के रवैये को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। 12वीं पास सतपाल सिंह, जो अब 23 साल के हो चुके हैं, उन्होंने बताया कि हमें नौकरी चाहिए। हमारे पास इसको लेकर कोई सहूलियत नहीं है। मैंने कई बार बादल के गांव का दौरा किया। उनसे नौकरी को लेकर अपील की लेकिन मुझे कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मेरे पिता एक श्रमिक हैं, मैं भी एक श्रमिक बनकर ही रह जाऊंगा। आखिर कितनी पीढ़ियां श्रमिक बनकर रहेगीं? हमें क्या मिल रहा जो हम उन्हें वोट दें?
कांग्रेस से अमरिंदर सिंह और AAP से जरनैल सिंह मैदान में
एक और युवा लवली सिंह का कहना है कि हमें उनकी उनकी आटा-दाल की जरुरत नहीं है। मैं इस बार वोट नहीं कर सकूंगा लेकिन मैं अपने परिवार को आम आदमी पार्टी को वोट करने के लिए कहूंगा। लवली सिंह ने बताया कि उसने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार जरनैल सिंह के रोड-शो में भी हिस्सा लिया था। उन्होंने बताया कि इस बार कई युवा आम आदमी पार्टी का समर्थन करेंगे और उनके पक्ष में वोट करेंगे। वहीं एक और युवा का कहना था कि बादल साहब अच्छे आदमी हैं लेकिन उन्हें कुछ भ्रष्ट लोगों ने घेर रखा है।
लांबी सीट पर इस बार कौन मारेगा बाजी?
लांबी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 2012 में यहां 1.22 लाख लोगों ने वोट किया था। इनमें 68 हजार वोट अकेले बादल के खाते में गए थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को हराया था जिसे 24 हजार वोट मिले थे। हालांकि इस बार हालात बदले हुए हैं। इस बार यहां से कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को टिकट दिया है। लांबी के मतदाताओं में इस बात का असर देखने को मिल रहा है। कुछ मतदाता अमरिंदर सिंह के साथ खड़े भी दिखाई दे रहे हैं। कुल मिलाकर इस बार का चुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के आसान रहने वाला नहीं लग रहा है। फिलहाल चुनाव नतीजों के बाद ही फैसला सामने आएगा।