लोकसभा चुनाव 2019: सतारा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शिवाजी महाराज के वंशज और एनसीपी नेता उदयन राजे भोसले हैं। उन्होंने साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी पुरषोत्तम जाधव को 336, 594 मतों से पराजित किया था। उदयन राजे भोसले को 522,531 मत हासिल हुए है तो वहीं पुरषोत्तम जाधव को केवल 155937 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 17,19,998 थी, जिसमें से मात्र 9,76,681 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,19,692 और महिलाओं की संख्या 4,56,989 थी। साल 2014 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार यहां पर खड़ा किया था, जिन्हें इस चुनावी जंग में नंबर तीन पर संतोष करना पड़ा था, उन्हें मात्र 8 प्रतिशत वोट मिले थे।
सतारा लोकसभा सीट का इतिहास
साल 1951 में यहां पहला आम चुनाव हुआ था, जिसे कि कांग्रेस ने जीता था, साल 1957 का चुनाव यहां पर CPI ने जीता और उसका राज 1962 तक यहां पर रहा लेकिन 1967 का चुनाव यहां पर कांग्रेस ने जीता और तब से लेकर 1991 तक यहां पर कांग्रेस की ही सत्ता रही है। साल 1996 का चुनाव यहां पर पहली बार शिवसेना ने जीता था तो 1998 में एक बार फिर से यहां पर कांग्रेस को सफलता मिली। साल 1999 में यहां पर नेशनल कांग्रेस पार्टी जीती और तब से लेकर अब तक यहां पर उसी का छत्र राज है और यहां के सांसद की सीट पर दो बार से लगातार उदयन राजे भोसले विराजमान हैं।
उदयनराजे भोसले का लोकसभा में प्रदर्शन
आपको बता दें कि उदयनराजे भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज की 13वीं पीढ़ी से आते हैं, वे महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में रेवेन्यु मिनिस्टर भी रह चुके हैं। दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान उनकी लोकसभा में उपस्थिति 28 प्रतिशत रही है लेकिन इस दौरान उन्होंने एक भी डिबेट में हिस्सा नहीं लिया है।
सतारा, परिचय-प्रमुख बातें-
सतारा शाहूजी के वंशजों की राजधानी रहा है। साल 1818 ई. में पेशवा बाजीराव द्वितीय की पराजय के उपरान्त अंग्रेज़ों ने इसे पुन: आश्रित राज्य बना दिया था, 1848 ई. में गोद प्रथा की समाप्ति का सिद्धान्त लागू किये जाने के फलस्वरूप इसे अंग्रेज़ों ने भारतीय साम्राज्य में मिला लिया था, वर्तमान में यह जिला पुणे मंडल के अंतर्गत आता है। यहां की कुल जनसंख्या 22,29,884 थी, जिसमें से 78 प्रतिशत आबादी गांवों में और 21 प्रतिशत शहरों में रहती है, जबकि 10 प्रतिशत लोग यहां SC और 1 प्रतिशत ST वर्ग के हैं।
गौरतलब है कि सतारा सीट पर पहले कांग्रेस और फिर एनसीपी का राज रहा है, देश में मोदी लहर के बावजूद उदयन राजे भोसले ने 2014 के लोकसभा चुनावों में 5 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए थे और इससे पहले 2009 में भी वे 3 लाख से ज्यादा वोट से जीत चुके हैं, जो यह बताने के लिए काफी है कि इस सीट पर उनको हराना आसान नहीं है, हालांकि विरोधी दल की लगातार कोशिश इस सीट पर एनसीपी के दुर्ग को भेदने की रही है, क्या इस बार वो अपनी कोशिशों में कामयाब होते हैं या फिर एक बार फिर से यहां एनसीपी का वर्चस्व बरकरार रहता है, इसको जानने के लिए हमें चुनावी नतीजों का इंतजार करना होगा, देखते हैं इस बार कि सतारा की सत्ता का ताज किसके सिर पर सजता है और कौन बनता है यहां का सरताज
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