लोकसभा चुनाव 2019: जांजगीर-चम्पा लोकसभा सीट के बारे में जानिए
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चम्पा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद भाजपा की कमला देवी पाटले हैं। वह लगातार दूसरी बार यहां से चुनी गयी हैं। उनसे पहले बीजेपी की सांसद करुणा शुक्ला रही थीं। ये सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट है। यहां दलितों की आबादी 24.92 यानी लगभग 25 फीसदी है। एसटी यानी आदिवासियों की आबादी 11.68 फीसदी है। ग्रामीण आबादी 88.27 फीसदी है। जांजगीर-चम्पा में 2014 में 62 फीसदी मतदान हुआ था और करीब 10 लाख 73 हज़ार से ज्यादा वोट पड़े थे। इनमें बीजेपी सांसद को तकरीबन आधे वोट यानी 5 लाख 18 हज़ार 909 मिले थे।
जांजगीर-चम्पा लोकसभा सीट का इतिहास
जांजगीर-चम्पा की सीट पर बीजेपी का पिछले 15 साल से कब्जा जरूर है मगर इससे पहले कांग्रेस के चरण दास महंत दो बार सांसद रह चुके हैं। यह एक ऐसी सीट जहां से कांग्रेस को 12 बार चुनाव में जीत मिली है। बीजेपी भी 5 बार जीत दर्ज कर चुकी है। 1977 में जनता पार्टी ने यहां अपना परचम लहराया था। बीजेपी के लिए इस इलाके में कद्दावर नेता रहे दिलीप सिंह जूदेव ने पार्टी के पैर जमाए थे। 1989 में पहली बार यह सीट बीजेपी के पास गयी जब जूदेव ने लोकसभा का चुनाव जीता। फिर 1996 में बीजेपी के मनहरण लाल पांडे संसद पहुंचने में कामयाब रहे और उसके आगे 2004 से लेकर 2014 तक यह सीट बीजेपी के पास बनी हुई है।
कमला देवी का लोकसभा में प्रदर्शन
कमला देवी पिछले पांच सालों में संसद में सक्रिय रही हैं। उन्होंने 31 बार लोकसभा की कार्यवाही और उसके दौरान बहस में हिस्सा लिया है। 618 सवाल उन्होंने रखे हैं। औसत प्रांतीय प्रश्नों को देखें तो वह 211 और राष्ट्रीय प्रश्नों का औसत 273 है। 4 सरकारी बिल रखने में वे शामिल रही हैं। एक प्राइवेट मेम्बर बिल भी उनके नाम है। संसद में उनकी उपस्थिति 81 प्रतिशत रही है। सांसद निधि पर नजर डालें तो दिसम्बर तक 25 करोड़ की रकम में से 22.5 करोड़ रुपये सरकार ने जारी कर दिए थे और सांसद की सिफारिश पर 22.57 करोड़ रुपये जिलाधिकारी ने स्वीकृत भी कर दिया था। इनमें से 21.3 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और महज 3 करोड़ के करीब की रकम खर्च किया जाना बाकी है।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 सीटें आती हैं। इनमें चार सीटें कांग्रेस के पास हैं, तो दो सीटें बीजेपी और दो सीटें बीएसपी के पास। यह स्थिति 2018 में हुए ताजा विधानसभा चुनाव के बाद है। लिहाजा इससे इलाके में राजनीतिक बदलाव का मूड भी इसमें दिखता है। जिन चार सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है उनके नाम हैं सकती, चंद्रपुर, बिलाईगढ़, कसडोल। बीजेपी के पास अकलतारा और जांजगीर-चम्पा विधानसभा सीट है जबकि बीएसपी के पास जयजयपुर और पामगढ़ विधानसभा सीट। 2019 के लोकसभा चुनाव में जांजगीर-चस्पा लोकसभा सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। बीजेपी जीत का चौका लगाने का प्रयास करेगी, वहीं उन्हें रोकने के लिए कांग्रेस ने बीजेपी के किले में आधी विधानसभा की सीटें जीत चुकी हैं। इस बात के पूरे आसार हैं कि कभी बीजेपी सांसद रहीं करुणा शुक्ला को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए। ऐसे में दो महिला उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। लेकिन कांग्रेस की ओर से कद्दावर चरण दास महंत के भी इस सीट से उम्मीदवार होने के पूरे आसार हैं। उम्मीदवार इस सीट में मुकाबले को रोचक बनाएंगे।