पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर राहुल गांधी ने जताया शोक, बोले-देश के साथ मिलकर श्रद्धांजलि देता हूं
नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार शाम निधन हो गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं। इसके अलावा पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत राजनीतिक जगत की हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। 84 वर्षीय प्रणब दा को ब्रेन सर्जरी के चलते 10 अगस्त को दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सर्जरी से पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सर्जरी के बाद से ही प्रणब मुखर्जी वेंटिलेटर पर थे।
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राहुल गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताया। बोले- पूरे देश को दुख के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन का समाचार मिला है। मैं उन्हें पूरे देश के साथ मिलकर श्रद्धांजलि देता हूं। उनके परिजनों और मित्रों के प्रति गहरी संवेदनाएं। वहीं पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि, बेहतरीन स्कॉलर थे, राजनीतिक समुदाय में हर कोई करता था उनका सम्मान।
देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को हुआ। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में उनका जन्म हुआ था। 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लंबे वक्त तक कांग्रेस से जुड़े रहे प्रणब दा वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद पर काबिज रह चुके हैं। पढ़े-लिखे नेताओं में गिने जाने वाले प्रणब मुखर्जी एक दर्जन किताबें लिख चुके हैं। कांग्रेस के इतिहास, कांग्रेस के निर्माण, आपातकाल और इंदिरा गांधी पर लिखी उनकी किताबं काफी चर्चा में रही है।
इंदिरा गांधी के कार्यकाल में उन्होंने साल 2014 में एक किताब 'द ड्रमैटिक डीकेड: इंदिरा गांधी इयर्स' भी काफी मशहूर हुई है। प्रणब मुखर्जी 1969 में इंदिरा गांधी की मदद से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य चुने गए। जल्द ही वह इंदिरा गांधी के बेहद खास हो गए और 1973 में कांग्रेस सरकार के मंत्री भी बन गए। 1984 में आपातकाल के दौरान कांग्रेस के कई अन्य नेताओं की तरह प्रणब मुखर्जी पर भी ज्यादती करने के आरोप लगे। एक समय ऐसा भी कि प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी राष्टीय समाजवादी कांग्रेस पार्टी बनाई। हालांकि, 1989 में ही इस पार्टी का विलय कांग्रेस में हो गया।
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