पांचवें फेज में क्यों महत्वपूर्ण हो गई हैं महिला उम्मीदवार?
नई दिल्ली- 6 मई को पांचवें फेज में 7 राज्यों की 51 सीटों पर चुनाव होना है। ये दौर कई मामलों में पिछले चारों फेज से अलग है। क्योंकि, सातों चरणों में इस दौर में ही सबसे कम सीटों पर चुनाव हो रहा है। लेकिन, महिलाओं के नजरिए से यह दौर कई मायने में काफी अलग है। इस दौर में एक महिला प्रत्याशी ही सबसे ज्यादा संपत्ति की मालकीन है और भी कई चीजें हैं, जो इस दौर को महिलाओं के लिहाज से अहम बना रहा है।
क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवार
अगर पिछले चरणों से तुलना करें तो इस दौर में क्रिमिनल बैकग्राउंड (Criminal background) वाले उम्मीदवारों की संख्या घटी तो जरूर है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोपी प्रत्याशी अभी भी काफी संख्या में चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। जिन उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ किए जाने वाले गंभीर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं, उनकी संख्या इस दौर में 9 है। इनमें से 2 उम्मीदवारों ने तो खुद पर रेप (IPC Section 376) का केस घोषित किया है। नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) एवं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) के आंकड़ों के मुताबिक इस दौर में 19% उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके खिलाफ क्रिमिनल केस चल रहे हैं।
महिला ही सबसे अमीर उम्मीदवार
पांचवें चरण में झारखंड की हजारीबाग (Hazaribagh) सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) ने अपनी आय सबसे ज्यादा बताई है। उनकी कुल आमदनी 5.72 करोड़ रुपये है। इसमें उनकी पत्नी की भी आय शामिल है। उनके पास 77 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है। लेकिन, अमीर उम्मीदवारों की रेस में इस बार महिला उम्मीदवार ने बाजी मारी है। 193 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ लखनऊ से सपा उम्मीदवार पूनम सिन्हा (Poonam Shatrughan Sinha) सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। जबकि, दूसरे नंबर पर सीतापुर से उम्मीदवार विनय कुमार मिश्रा हैं, जिनकी संपत्ति 177 करोड़ रुपये है। इस श्रेणी में जयंत सिन्हा तीसरे नंबर पर आते हैं। मजेदार बात है कि पांचवें चरण में 3 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनके पास कोई संपत्ति नहीं (zero assets) है। ये हैं- मध्य प्रदेश के नारायण दास जाटव, राजस्थान के गुरु गोकुलचंद राष्ट्रवादी और उत्तर प्रदेश की मुन्नी। जाटव जन विकास पार्टी के उम्मीदवार हैं, जबकि बाकी दोनों निर्दलयीय लड़ रहे हैं।
महिलाओं ने पांचवें फेज में यूं मारी बाजी
पांचवें चरण में कुल 674 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से महिला उम्मीदवार 12% हैं। यह आंकड़ा अब तक के सभी फेज की तुलना में सबसे ज्यादा है। अगर सभी चरणों में महिला प्रत्याशियों के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पहले चरण में 7%, दूसरे में 8%, तीसरे में 9%, चौथे में उनकी संख्या 10% थी। यानी हर चरण में 1 से 2% का इजाफा हुआ है, लेकिन पांचवें दौर में आते-आते यह पहले दौर से 5% बढ़ चुका है। हालांकि, फिर भी यह संख्या महिलाओं की जनसंख्या के मुकाबले बहुत ही कम है और वे सही प्रतिनिधित्व से अभी भी काफी पीछे हैं।
पांचवें फेज में 40% उम्मीदवार 12वीं पास हैं, 52% ग्रैजुएट या उससे ऊपर पढ़े-लिखे हैं, जबकि 6 अशिक्षित (illiterate) हैं।