ओवैसी को हुई लद्दाख और देपसांग घाटी की चिंता, कारगिल जंग का जिक्र छेड़ मोदी सरकार से ये पूछा
नई दिल्ली- हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अबकी बार मुसलमानों के मुद्दे से अलग हटकर लद्दाख की बात छेड़ दी है। हालांकि, इस बार भी उन्होंने इसके बहाने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि वह मीडिया वालों को कवरेज के लिए लद्दाख क्यों नहीं ले जा रही। इसके उन्होंने कारगिल जंग (kargil war) का उदाहरण दिया है कि तब तो कई वरिष्ठ मीडियाकर्मियों को वहां जाने दिया गया था।
हैदराबाद के सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी मोदी सरकार से लद्दाख को लेकर घेरने की कोशिश की है। उन्होंने कहा है, 'मोदी सरकार मीडिया को लद्दाख (ladakh) और देपसांग घाटी (depsang valley) क्यों नहीं ले जाती, जैसे कि वरिष्ठ मीडियाकर्मी कारगिल जंग को कवर करने गए थे?'
इतना ही नहीं उन्होंने मोदी सरकार से यह भी पूछा है कि आखिर कैसे 'चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा' किया है। उन्होंने इसी की हकीकत जानने के लिए वहां मीडिया वालों को ले जाने की वकालत की है। वैसे इससे पहले भी ओवैसी इस मामले पर मोदी सरकार पर निशाना साध चुके हैं। वह सितंबर में ट्विटर के जरिए दावा कर चुके हैं कि चीन ने भारत के 1,000 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया है। उनका दावा था कि इसमें से 900 वर्ग किमी तो सिर्फ देपसांग में है।
गौरतलब है कि चीन ने इस साल अप्रैल-मई में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास के कई महत्वपूर्ण जगहों में घुसपैठ की कोशिश की थी। उसने देपसांग इलाके में भी ऐसी ही कोशिश की है। गलवान घाटी में उसने इस कोशिश में भारतीय जवानों पर धोखे से हमला भी किया था, जिसमें एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में चीन को कहीं ज्यादा नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट्स आ चुकी हैं। बाद में भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारों की महत्वपूर्ण चोटियों को अपने कब्जे में लेकर चीन की हेकड़ी पर लगाम लगा दी थी। तब से दोनों देशों की सेनाएं एलएसी की कई मोर्चे पर आमने-सामने हैं। इसको लेकर सैन्य कमांडर स्तर पर कई दौर की बात भी हुई है, लेकिन चीन अपनी बातों पर काम नहीं रह रहा है और बातचीत सफल नहीं हो पा रही है।