यूक्रेन संघर्ष के बीच रूस से तेल आयात में 6 गुना वृद्धि, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई वजह
नई दिल्ली, 08 सितंबर। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के दौरान केंद्र सरकार के एक अहम निर्णय से रूसी तेल आयात में 6 गुना बढ़ोत्तरी हुई है। अन्य देशों की तुलना में रूस से सस्ते तेल आयात से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी सीधा असर पड़ा है। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जब दुनियाभर में ईंधन संकट पैदा हुआ तो भारत सरकार ने सूझबूझ का परिचय दिया। देश के तमाम देशों में ईंधन की बढ़ती कीमतें अभी भी चिंता विषय बनी हुई हैं। वहीं इस बीच रूस से भारत आने वाले कच्चे तेल में रूसी घटक 2% से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
रूस यूक्रेन संघर्ष के दौरान कई अन्य देशों के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाए थे। वहीं भारत ने अपना तटस्थ रुख पर कायम रहा और रूस से पुराने संबंध कायम रहे। गुरुवार को इस विषय पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम मोदी के फैसले की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में ईंधन संकट पैदा हो गया था। दोनों देशों के बीच इस साल 24 फरवरी से शुरू हुआ संघर्ष जारी है। इस दौरान तेल की कीमतों में उछाल वैश्विक चिंता का विषय बना हुआ है।
वित्तमंत्री ने कहा, 'तेल की वैश्विक कीमतें क्षमता से बाहर जा रही हैं। हालांकि नवंबर और जून इस पर निरयंत्रण पाने का प्रयास किया गया। मैं इस साहस के लिए प्रधान मंत्री की प्रशंसा करती हू्ं। क्योंकि वो ईंधन की कीमतों में और अधिक छूट देने के इच्छुक है।'
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक दबाव के बावजूद रूसी तेल पर निर्भरता जारी रखने का पीएम मोदी का फैसला अहम है। संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर के अन्य देशों ने मॉस्को कई प्रतिबंध लगाए थे लेकिन भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा। हमारे पूरे आयात में रूसी घटक का 2% था, इसे 12-13% तक बढ़ा दिया गया था। वित्तमंत्री ने कहा कि वो इसका श्रेय पीएम मोदी को देना चाहती हैं, जो दुनिया के हम सभी देशों के साथ संबंध बनाए रखने में कामयाब रहे और रूसी कच्चा तेल के आयात में समस्याओं का समाधान हुआ।