कश्मीर पर बोलीं नोबेल विजेता मलाला, एक-दूसरे को दुख पहुंचाते रहना कोई विकल्प नहीं
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य दर्जा खत्म किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले को लेकर लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस बीच नोबेल पुरस्कार विजेता और पाकिस्तानी कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई ने कश्मीर को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने ट्वीट के साथ एक नोट शेयर किया है, जिसमें कश्मीर के मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा, 'वो कश्मीर के बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।'
'कश्मीरी बच्चों और महिलाओं के लिए चिंतित हूं'
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने एक ट्वीट के साथ अपना बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा, 'कश्मीर के लोग तब से संघर्ष में रह रहे हैं जब मैं एक बच्ची थी, जब मेरे माता-पिता भी बच्चे थे, यही नहीं जब मेरे दादा-दादी युवा थे। करीब 7 दशक से कश्मीर के बच्चे हिंसा में पल और बढ़ रहे हैं। मुझे कश्मीर की चिंता है क्योंकि दक्षिण एशिया मेरा घर है। एक ऐसा घर जहां 1.8 बिलियन लोग रहते हैं, जिनमें कश्मीरी भी शामिल हैं। हम अलग-अलग संस्कृति, धर्म, भाषा, खानपान और परंपराओं को मानते हैं। मैं मानती हूं कि हम सब इस दुनिया में एक-दूसरे से मिले तोहफों की कद्र कर सकते हैं, एक-दूसरे से बहुत अलग होते हुए भी इस विश्व के लिए कुछ कर सकते हैं।'
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'7 दशक से कश्मीर के बच्चे हिंसा में पल और बढ़ रहे हैं'
मलाला यूसुफजई ने अपने ट्विटर पर शेयर अपने बयान में कहा, 'एक-दूसरे को दुख पहुंचाते रहना कोई विकल्प नहीं है। यह जरूरी नहीं है कि हम एक-दूसरे को दुख पहुंचाते रहें और लगातार पीड़ा में रहें। आज मैं कश्मीरी बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। इस हिंसा के माहौल में यही लोग सबसे प्रभावित हैं और इन्हें भी सबसे ज्यादा इसके परिणाम झेलने पड़ते हैं।'
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मलाला ने कहा- कश्मीर समस्या के समाधान पर ध्यान देना चाहिए
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मलाला ने आखिर में लिखा, 'मैं उम्मीद करती हूं कि दक्षिणी एशिया, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संबंधित पक्ष कश्मीर के लोगों की स्थिति को समझेंगे और उनके लिए जरूरी कदम उठाएंगे। हमारे जो भी मतभेद हों, लेकिन मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए हमें साथ आना चाहिए। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए और 7 दशक से चली आ रही कश्मीर समस्या के समाधान पर ध्यान देना चाहिए।'
कश्मीर पर भारत के फैसले से बौखलाया पाकिस्तान
बता दें कि जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा के बाद लोकसभा में भी पास हो चुका है। मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने संबंधी आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाने के लिए लोकसभा में प्रस्ताव रखा था। इस बिल के पास होने के बाद जम्मू कश्मीर से अलग होकर लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बन गया है जबकि जम्मू कश्मीर भी विधानसभा के साथ अलग केंद्रशासित प्रदेश होगा। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेजने और भारत के साथ सभी तरह के द्विपक्षीय व्यापारिक संबंध खत्म करने का फैसला लिया है।