Rajasthan Assembly Elections 2018: मुस्लिम उम्मीदवारों से भाजपा ने बनाई दूरी
राजस्थान चुनाव को भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी कर दी है। दोनों ही लिस्ट की खास बात यह है कि इनमे एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं मिली है, जिसकी वजह से यह मुद्दा काफी अहम बना हुआ है। पार्टी के दो अहम मुस्लिम चेहरों की बात करें तो वसुंधरा राजे के करीबी माने जाने वाले युनुस खान को पहले की दो लिस्ट में जगह नहीं दी गई है और उनके नाम पर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि उन्हें पार्टी टिकट देगी या नहीं।
एक भी उम्मीदवार को नहीं मिली जगह
वहीं भाजपा के दूसरे बड़े नेता और पांच बार के विधायक हबीबुर्रहमान को पार्टी ने टिकट नहीं दिया था, जिससे नाराज हबीबुर्रहमान ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। जिस तरह से भाजपा ने एक भी मुस्लिम चेहरे को लिस्ट में जगह नहीं दी है उसके बाद एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी हार्डकोर हिंदुत्व के एजेंडे पर चल रही है। हालांकि दूसरी जो लिस्ट जारी की गई है उसमे पार्टी के हार्डकोर हिंदुत्ववादी वाले नेताओं की जमीन काफी हद तक खिसक गई है।
हिंदुत्व के चेहरों को किनारे लगाया
राजस्थान में भाजपा के हिंदुत्व के चेहरे माने जाने वाले रामगढ़ विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी ने किनारे कर दिया है और उन्हें शुरुआती दोनों ही लिस्ट में जगह नहीं दी गई है। वहीं बांसवाणा से पार्टी के विधायक धन सिंह रावत को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है। ऐसे में इन अहम चेहरों को टिकट नहीं देकर पार्टी ने कुछ हद तक अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह इस बार विवादित चेहरों को टिकट नहीं देगी। लेकिन एक भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं देकर पार्टी विपक्षी दलों के निशाने पर है।
7 दिसंबर को चुनाव
दरअसल रामगढ़ के अलवर में गो हत्या, गो रक्षकों की गुंडागर्जी और मॉब लिंचिंग की कई खबरें सामने आई थी, जिसमे ज्ञानदेव आहूजा अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहे, जिसकी वजह से उन्हें पार्टी ने किनारे लगा दिया है। बहरहाल मुस्लिम विहीन चेहरे के बिना भाजपा किस तरह से सत्ता में फिर से वापसी करती है यह देखने वाली बात होगी। आपको बता दें कि राजस्थान में 7 दिसंबर को चुनाव होना है।
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