
'बिहार में राजद-जदयू गठजोड़ जल्द टूटेगा' भाजपा के दावे से तिलमिलाए नीतीश बोले- सोचना पड़ेगा क्या...
पटना, 03 अगस्त : बिहार सरकार से भाजपा का पत्ता साफ करने वाले सीएम नीतीश कुमार को उस समय तगड़ा झटका लगा जब जदयू के छह में पांच विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। अभी एक महीने से भी कम समय बीता है जब बिहार में एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार बनाई। अब नीतीश ने 2024 की विपक्षी एकता की बात कही है। उन्होंने कहा, लोगों को सोचना पड़ेगा कि भाजपा क्यों और कैसे अन्य दलों के विधायकों को कैसे तोड़ रही है ? नीतीश के सहयोगी रहे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी भरोसा जताया है कि भाजपा जल्द ही बिहार में जदयू और राजद का गठबंधन तुड़वा देगी।
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विधायकों को कैसे तोड़ रही भाजपा
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) सुप्रीमो नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा, इस बारे में सोचने की जरूरत है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अन्य दलों के विधायकों को कैसे तोड़ रही है ? उन्होंने सवाल किया कि क्या विधायकों का दल बदलना संवैधानिक है ?

बिहार में राजद जदयू गठबंधन टूटेगा ?
इसी बीच बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम रहे सुशील कुमार मोदी ने विश्वास जताया कि भाजपा जल्द ही बिहार में जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के "महागठबंधन" गठबंधन को तोड़ देगी। मोदी ने कहा, "मणिपुर में जदयू के पांच विधायक भाजपा में शामिल हुए, राज्य जदयू मुक्त हो गया है। वे विधायक राजग में बने रहना चाहते थे। बहुत जल्द, हम बिहार में जदयू-राजद गठबंधन को तोड़ देंगे और राज्य को जदयू मुक्त कर देंगे।" बीजेपी के राज्य सभा सांसद ने नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि होर्डिंग और पोस्टर लगाकर कोई भी प्रधानमंत्री नहीं बन सकता.

क्या मणिपुर में बिहार में सत्ता परिवर्तन का असर ?
मणिपुर में जदयू के कम से कम पांच विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। कुछ घंटों बाद नीतीश कुमार ने कहा कि जब वह हफ्तों पहले भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग हो गए, तो मणिपुर में जदयू के सभी छह विधायकों ने उनसे मुलाकात की और पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया था।

नीतीश 2024 की विपक्षी एकता पर क्या बोले
नीतीश कुमार ने 2024 के आम चुनाव में विपक्ष की एकता की भविष्यवाणी कर कहा, जब हम एनडीए से अलग हुए, तो मणिपुर के हमारे सभी छह विधायक आए, हमसे मिले और हमें आश्वासन दिया कि वे जदयू के साथ हैं। अब जबकि वे भाजपा में शामिल हो गए हैं, हमें यह सोचने की जरूरत है कि क्या हो रहा है ? बकौल नीतीश कुमार, जब भाजपा विधायकों को पार्टियों से अलग कर रही है, हमें सोचना पड़ेगा कि क्या यह संवैधानिक है? उन्होंने कहा, विपक्ष 2024 के चुनावों के लिए एकजुट होगा।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का स्टैंड
गौरतलब है कि मणिपुर में जदयू विधायकों ने ऐसे समय में जद (यू) का साथ छोड़ा है, जब एक महीने से भी कम समय पहले बिहार में JDU भाजपा से अलग होकर महागठबंधन सरकार में शामिल हुई है। नीतीश कुमार की जदयू ने लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ संबंधों को दोबारा ठीक करने का प्रयास किया है। नीतीश को राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी भूमिका के लिए प्रोजेक्ट करने की कोशिश हो रही है, लेकिन जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने नीतीश की उम्मीदवारी से इनकार किया है। उन्होंने विधायकों को खरीदने के लिए 'धन बल' का उपयोग करने के लिए भाजपा पर हमला बोला। सिंह ने कहा, "भाजपा चाहे जो भी चाल चले, वह 2023 तक जद (यू) को राष्ट्रीय पार्टी बनने से नहीं रोक पाएगी।"

मणिपुर में जदयू के किन विधायकों ने छोड़ी पार्टी
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने मणिपुर में वही किया जो उसने पहले दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया था। उन्होंने कहा, "मणिपुर में हमारे विधायकों ने चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों को हराया था। अरुणाचल प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ जहां हमारे विधायकों को गलत तरीके से पार्टी में शामिल कराया गया। हालांकि, उस समय जदयू एनडीए में ही थी। बता दें कि ख. जॉयकिशन सिंह, नगुरसंगलूर सनाटे, मोहम्मद अचब उद्दीन, थंगजाम अरुणकुमार और एलएम खौटे ने भाजपा का दामन थाम लिया है।
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