निठारी कांड के दोषी सुरेंद्र कोली को सातवीं बार सजा-ए-मौत
निठारी कांड में दोषी करार दिए गए सुरेंद्र कोली को 7वें मामले में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा दी गई है।
नई दिल्ली। नोएडा के बहुचर्चित निठारी केस में दोषी करार दिए सुरेंद्र कोली को सातवीं बार सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई है। गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने ये फैसला सुनाया।
नोएडा के बहुचर्चित निठारी केस में कोली को सजा
निठारी कांड में दोषी करार दिए गए सुरेंद्र कोली के खिलाफ 17 मामले दर्ज हैं, जिसमें ट्रायल पूरा हो चुका है। इसी केस के 7वें मामले में उसे दोषी करार देते हुए फांसी की सजा दी गई है।
निठारी कांड: नर पिशाच सुरेंद्र कोली को सजा ए मौत
सीबीआई की विशेष अदालत ने अभी तक सात केस में सुरेंद्र कोली को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। शुक्रवार को कोर्ट ने 12 साल की एक लड़की की हत्या के मामले में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है।
12 साल की ये लड़की दार्जीलिंग में रहती थी और निठारी अपनी आंटी के घर आई थी। मामला 24 जुलाई 2006 का है जब ये लड़की स्थानीय सब्जी बाजार में गई थी, लेकिन वहां से लौटकर नहीं आई
12 साल की लड़की की हत्या के मामले में सजा
जानकारी के मुताबिक नोएडा के सेक्टर 31 में रहने वाले मोहिंदर सिंह पंढेर के घर में काम करने वाला सुरेंद्र कोली उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया।
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पंढेर के मोबाइल लोकेशन से पता चला कि जिस समय उसके घर में लड़की की हत्या हुई वो पंजाब में था। इससे पता चलता है कि कोली ने ही उस लड़की की हत्या की।
सीबीआई के पब्लिक प्रोसीक्यूटर जेपी शर्मा ने बताया कि कोली ने हत्या के बाद लड़की के शव को कई हिस्सों में काटा और उसे पॉलीथीन बैग में भरकर घर के पीछे फेंक दिया।
कोली के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज हैं
सीबीआई के पब्लिक प्रोसीक्यूटर जेपी शर्मा ने बताया कि कोली को फांसी के साथ-साथ रेप केस में 10 साल की जेल, सबूत छिपाने के लिए सात साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
सीबीआई ने निठारी केस के 19 मामलों में 16 में उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। कोली ने अपने केस के लिए कोई वकील नहीं किया है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वकील रविंद्र एस गरिया उसका केस देख रहे हैं।